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जिस्म झुलसाती हुई गर्मी में..
Shweta Soni
मुझ पे एहसान वो भी कर रहे हैं
Shweta Soni
मुद्दतों से तेरी आदत नहीं रही मुझको
Shweta Soni
बस तू हीं नहीं मुझसे एक बेवफ़ा हुआ...
Shweta Soni
कहानी उसके हाथ में है, वो..
Shweta Soni
मैं उस बस्ती में ठहरी हूँ जहाँ पर..
Shweta Soni
रोज़ मायूसी से हर शाम घर जाने वाले...
Shweta Soni
कब करोगे जीवन का प्रारंभ???
Sonam Puneet Dubey
पलकों पे सपने लिए, लाँघे जब दहलीज।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आँसू बरसे उस तरफ, इधर शुष्क थे नेत्र।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Aaj kal ke log bhi wafayen kya khoob karte h
HEBA
पल में सब कुछ खो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जग की सारी बन्दिशें, चलो तोड़ दें आज ।
sushil sarna
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*प्रणय प्रभात*
सच तो लकड़ी का महत्व होता हैं।
Neeraj Agarwal
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3570.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
* लक्ष्य सही होना चाहिए।*
नेताम आर सी
है सच्ची हुकूमत दिल की सियासत पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
3569.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शख्सियत ही कुछ ऐसी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जंग अपनी आंखों से ओझल होते देखा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लोग भी हमें अच्छा जानते होंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपने माथे पर थोड़ा सा सिकन रखना दोस्तों,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरा साथ है कितना प्यारा
Mamta Rani
लोग कहते ही दो दिन की है ,
Sumer sinh
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"अपना"
Yogendra Chaturwedi
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
Ashwini sharma
मिलती है मंजिले उनको जिनके इरादो में दम होता है .
Sumer sinh
मेरी शौक़-ए-तमन्ना भी पूरी न हो सकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरी यादें भुलाने का इक तरीका बड़ा पुराना है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या मालूम तुझे मेरे हिस्से में तेरा ही प्यार है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वादे निभाने की हिम्मत नहीं है यहां हर किसी में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
धर्म आज भी है लोगों के हृदय में
Sonam Puneet Dubey
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*प्रणय प्रभात*
ख़ुद रंग सा है यूं मिजाज़ मेरा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुक्तक – आज के रिश्ते
Sonam Puneet Dubey
यूं कौन जानता है यहां हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इस जीवन का क्या है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन का एक ही संपूर्ण सत्य है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किसी न किसी बहाने बस याद आया करती थी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रात का सफ़र भी तय कर लिया है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लाख संभलते संभलते भी
हिमांशु Kulshrestha
फूलों सा महकना है
Sonam Puneet Dubey
कौन सा रास्ता अपनाओगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आसमां का वजूद यूं जमीं से है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
घाव चाहे शरीर को मिले या मन को
Sonam Puneet Dubey
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*प्रणय प्रभात*