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भारत को आखिर फूटबौळ क्यों बना दिया ? ना पड़ोसियों के गोल पोस
DrLakshman Jha Parimal
🙅इस बार भी🙅
*प्रणय प्रभात*
नहीं देखी सूरज की गर्मी
Sonam Puneet Dubey
इक ही नहीं मुमकिन है ये के कई दफा निकले
सिद्धार्थ गोरखपुरी
एग्जिट पोल्स वाले एनडीए को पूरी 543 सीटें दे देते, तो आज रुप
*प्रणय प्रभात*
*ध्यान लगाते सिद्ध जन, जाते तन के पार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोस्त अब थकने लगे है
पूर्वार्थ
..
*प्रणय प्रभात*
तुम्हारे पास ज्यादा समय नही हैं, मौत तुम्हारे साये के रूप मे
पूर्वार्थ
गिरने से जो डरते नहीं.. और उठकर जो बहकते नहीं। वो ही.. "जीवन
पूर्वार्थ
अरे...
पूर्वार्थ
जीवन का कोई सार न हो
Shweta Soni
जो आज शुरुआत में तुम्हारा साथ नहीं दे रहे हैं वो कल तुम्हारा
Dr. Man Mohan Krishna
जब मेरा अपना भी अपना नहीं हुआ, तो हम गैरों की शिकायत क्या कर
Dr. Man Mohan Krishna
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर
Vaishaligoel
फूल ही फूल संग
Neeraj Agarwal
बेहद कष्टप्रद होता है किसी को बरसों-बरस अपना मानने के बाद भी
*प्रणय प्रभात*
उसकी सूरत में उलझे हैं नैना मेरे।
Madhuri mahakash
विश्राम ...
sushil sarna
"जड़"
Dr. Kishan tandon kranti
जो बालक मातृभाषा को सही से सीख लेते हैं ! वही अपने समाजों
DrLakshman Jha Parimal
"फसलों के राग"
Dr. Kishan tandon kranti
"जूते"
Dr. Kishan tandon kranti
"कथरी"
Dr. Kishan tandon kranti
"पहला चुम्बन"
Dr. Kishan tandon kranti
"आज की कविता"
Dr. Kishan tandon kranti
"समाहित"
Dr. Kishan tandon kranti
जीत-वीत के आ गया फिरसे, मोदी तानाशाह।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
"चाँद का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
"चीख उठते पहाड़"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेरक गीत
Saraswati Bajpai
"पिता का घर"
Dr. Kishan tandon kranti
फ्रेम .....
sushil sarna
शायरी
गुमनाम 'बाबा'
हम करना कुछ चाहते हैं
Sonam Puneet Dubey
नशा-ए-दौलत तेरा कब तक साथ निभाएगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तस्वीरों में तुम उतनी कैद नहीं होती हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ लोग चांद निकलने की ताक में रहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"अदा"
Dr. Kishan tandon kranti
"तेरे बगैर"
Dr. Kishan tandon kranti
"मीलों चलकर"
Dr. Kishan tandon kranti
"दोस्ती जुर्म नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
जय माँ शारदे🌹
Kamini Mishra
🙅सनद रहै🙅
*प्रणय प्रभात*
मुक्तक
गुमनाम 'बाबा'
😢युग-युग का सच😢
*प्रणय प्रभात*
सियासत में सारे धर्म-संकट बेचारे "कटप्पाओं" के लिए होते हैं।
*प्रणय प्रभात*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
"ऊंट पे टांग" रख के नाच लीजिए। बस "ऊट-पटांग" मत लिखिए। ख़ुदा
*प्रणय प्रभात*
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'