लेंगे लेंगे अधिकार हमारे
जंगल अपना, ज़मीन अपनी पर न कोई कागज़, न ही टपरी सरकार बदली, क़ायदा बदला आदिवासी का हक़ भी बदला तुम्हारी ये नव नियम कुंडली हमसे क्यूँ ये ज़मीं छीन...
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