Posts Tag: Manisha Manjari Hindi Poem 243 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Manisha Manjari 30 Nov 2025 · 1 min read हृदय को तोड़ती वो मजबूरियां, जो बतायी नहीं जा सकती, हृदय को तोड़ती वो मजबूरियां, जो बतायी नहीं जा सकती, आँखों में तो दिखती हैं, पर अधरों से जताई नहीं जा सकती। ये पथ निष्ठुर हैं, जो क़दमों की परीक्षाएं... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 36 Share Manisha Manjari 26 Nov 2025 · 1 min read सर्द हवाओं के बर्बर थपेड़े और स्वयं की दुशाला का ठुकराना, सर्द हवाओं के बर्बर थपेड़े और स्वयं की दुशाला का ठुकराना, हतप्रभ खड़े अस्तित्व का, निःशब्दिता के सागर से टकराना। यूँ तो पतझड़ कब से ठहरी थी, शाखों की यादें... Hindi · Authormanishamanjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 39 Share Manisha Manjari 10 Nov 2025 · 1 min read कुछ दर्द बिना दस्तक दिए, चले आते हैं, कुछ दर्द बिना दस्तक दिए, चले आते हैं, आंसुओं का सैलाब नहीं, खामोशी की चादर ओढ़ाते हैं। मुस्कराहट छल बनकर चली आती है, एहसास मगर खुद को भरमाते हैं, उम्मीदों... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 37 Share Manisha Manjari 10 Nov 2025 · 1 min read मैंने सीखा है तुमसे, उम्मीदों को संभालना, मैंने सीखा है तुमसे, उम्मीदों को संभालना, कोरे कागज़ में छिपे, खामोश शब्दों को उभारना। वो दर्द जो धुंधला देता है, ज़हन के उजालों को, उस दर्द की आशिकी में,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 36 Share Manisha Manjari 10 Nov 2025 · 1 min read ये ज़िंदगी हमेशा, दो राहों पर लाकर भटकाती है, ये ज़िंदगी हमेशा, दो राहों पर लाकर भटकाती है, एक को चुन लो तो, दूजे की चाहतें जगाती है। ये ख़्वाहिशें कहाँ, घर की चौखट तक लाती हैं, ये ऐसे... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 33 Share Manisha Manjari 11 Oct 2025 · 1 min read ख़्वाहिशों में खुशियां और झोली में गम होगा, ख़्वाहिशों में खुशियां और झोली में गम होगा, जितनी चाहतों का बोझ, उतना हीं सुकुन कम होगा। कैसे महसूस होगी, भरी तश्तरियों की कीमत, अगर खाली तश्तरियों से ना, नसीब... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 77 Share Manisha Manjari 11 Oct 2025 · 1 min read “मुलाक़ात की साज़िशें" एक ख्वाब की तरह, तुम मिले फिर से, बंजर जमीं पर जज्बातों के, फूल खिले फिर से, यूँ तो हक़ में यादें रहीं, भूली-बिसरी बातें रहीं, ज़िन्दगी की किताब पर,... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 59 Share Manisha Manjari 29 Sep 2025 · 1 min read ये पथ-परिवर्तन, ये परित्यक्ता—सुगम तो न था, ये पथ-परिवर्तन, ये परित्यक्ता, सुगम तो न था, असंख्य बार संधि-द्वारों पर निवेदन-पत्र रखे गए, अनेक अवसरों पर दरकते संबंधों की पुनर्स्थापना का प्रस्ताव हुआ, परन्तु प्रतिउत्तर में आया असहनीय... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 73 Share Manisha Manjari 29 Sep 2025 · 1 min read भीड़ में खोयी आँखों को, एक चेहरा पहचाना दिख जाना, भीड़ में खोयी आँखों को, एक चेहरा पहचाना दिख जाना, क़दमों की बढ़ती आहटों में, उस वक़्त, वक़्त का रुक जाना। बादलों का तो नाम ना था,पर बारिशों का बिन... Hindi · Authormanishamanjari · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 80 Share Manisha Manjari 27 Sep 2025 · 1 min read प्रेम की अपूर्णत्ता, एक राह नयी दिखाती है, प्रेम की अपूर्णत्ता, एक राह नयी दिखाती है, जुगनुओं की टिमटिमाहट संग, विरह के वन में भटकाती है। यूँ तो रात आसमां को, भोर के दर पर पहुंचाती है, पर... Hindi · Manisha Manjari · Manisha Manjari Hindi Poem · कविता · मनीषा मंजरी 103 Share Page 1 Next