Posts Tag: Hindisahitya 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid singh kunwar sarvendra vikram 10 Jul 2024 · 1 min read मासूम कोयला एक मासूम से लगने वाले कोयले ने कनक अंगार की चादर ओढ़ ली बिना मायनों वालों को मायनों का भ्रम देकर उनकी प्यासी लालची निगाहों को प्रीत का वहम देकर... Hindi · Hindipoetry · Hindisahitya · Kunwarsarvendravikramsingh · कविता · कुंवरसर्वेंद 154 Share *प्रणय* 15 Jun 2024 · 4 min read ■ कथ्य के साथ कविता (इससे अच्छा क्या) #आतमकथ्य- ■ सच कहूँ तो...! 【प्रणय प्रभात】 यह कविता मेरे अंतर्मन से 2022 में स्वतः प्रस्फुटित हुई। महीना था प्रचंड गर्मी के प्रतीक जून का। दौर था कोविड नामक वैश्विक... Hindi · Hindisahitya · Sahityapedia · प्रणय की कविता 1 93 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read कई चोट हृदय पर खाई है कई चोट हृदय पर खाई है बस पीर ही पीर पाई है झरनों से अधिक धारा मैंने निस-दिन आँखों से बहाई है बागो में जाना छोड़ दिया भंवरों को बुलाना... Poetry Writing Challenge · Hindisahitya · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Writtenbytrishikadhara 2 444 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read हरे-हरे खेतों की ओढ़नी हरे-हरे खेतों की ओढ़नी अपनी काया को उढ़ाती है फूलों के आभूषण पहन कर अम्बर को धरा रिझाती है दो बूँद प्रेम भी उस पर बरसाता नहीं है अम्बर धरा... Poetry Writing Challenge · Hindisahitya · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Writtenbytrishikadhara 1 371 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read मेघ बरसते हैं आँगन में मेघ बरसते हैं आँगन में, तरुवर पर कोयल गाती है। माटी की सोंधी ख़ुशबू, बचपन की याद दिलाती है। बिना किसी संकोच के, बरखा में नहाया करते थे। अंजुरी में... Poetry Writing Challenge · Hindisahitya · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Writtenbytrishikadhara 1 219 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read मेरा मन बैरागी हो गया मेरा मन बैरागी हो गया, गिरिधर तुम से अनुराग कर। जोगन बन बैठी हूँ मैं, संसार के सब रंग त्याग कर। यूँ लगता है मेरे देह में, तेरी आत्मा समाई... Poetry Writing Challenge · Hindisahitya · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Writtenbytrishikadhara 1 107 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read पूस की ठंडी रात में पूस की ठंडी रात में, बिना लिहाफ़ के भटक रहा। नील गगन में चाँद बावरा, किसके विरह में सुबक रहा। उतर के नदिया के पानी में, छुप-छुप के अश्रु बहाता... Poetry Writing Challenge · Hindisahitya · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Writtenbytrishikadhara 2 126 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read बादलों की खिड़की से बादलों की खिड़की से, बार-बार झाकता है। बद-नज़र चाँद मेरी ओर, सारी रात ताकता है। साँझ ढले मेरी खोज में, चाँद फलक पर आया। मैं दरिया किनारे बैठी थी, वो... Poetry Writing Challenge · Hindisahitya · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Writtenbytrishikadhara 2 143 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read त्याग के सारी भाषाएँ त्याग के सारी भाषाएँ, बस ब्रज की बोली बोलूँगी। श्याम तुम्हारी नगरी में, मैं जोगन बन कर घूमूँगी। निस-दिन तेरी मुरली की, मुझे तान सुनाई देती है। जहाँ कहीं भी... Poetry Writing Challenge · Hindisahitya · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Writtenbytrishikadhara 1 148 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read मैंने कितना ढूंढा उस को मैंने कितना ढूंढा उस को ब्रज, मथुरा, वृन्दावन में। अपने भीतर झाँख के देखा, श्याम था मेरे अंतर्मन में। साँझ को जमुना तट पर, वो मुरली मधुर बजाता था। मैं... Poetry Writing Challenge · Hindisahitya · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Writtenbytrishikadhara 1 123 Share Trishika S Dhara 13 Jun 2023 · 1 min read मैंने कितनी अदाएँ बदलीं मैंने कितनी अदाएँ बदलीं तुम्हे रिझाने की ख़ातिर मैंने अधरों पे बंसी सजाई तुम्हे लुभाने की ख़ातिर न जाने क्यों दुनिया सुन कर चली आती है मेरी बंसी की तान... Poetry Writing Challenge · Hindisahitya · Iamtrishikadhara · Trishikasdhara · Writtenbytrishikadhara 135 Share बदनाम बनारसी 14 May 2023 · 1 min read समय (दोहा) समय बनाता भूपति, समय बनाता दास, समय - समय की बात है, समय है सबसे ख़ास। © बदनाम बनारसी Hindi · Hindisahitya · कविता · दोहा · समय 6 2 482 Share Aniruddh Pandey 23 Feb 2023 · 1 min read लक्ष्य का जूनून जा रहे थे सड़क से कहीं दूर तुम, मैं खड़ा किनारे पे राह तकता जा रहा था। भाग रही थी सड़क तुम्हारी इस जहां से दूर कहीं, मैं बस यूंही... Hindi · Hindisahitya 138 Share