Posts Tag: Friendshipday Poem 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Monika Verma 6 Aug 2023 · 1 min read दोस्ती ढलती शाम मैंने दोस्ती का एक नया आयाम देखा शाखों का परिंदों के लिए ऐसा निस्वार्थ क़याम देखा शरारत से की अगवानी, लचक कर पनाह दे रही थीं थके परिंदों... Friendshipday Poem 3 2 329 Share Kavita Chouhan 7 Aug 2022 · 1 min read वही मित्र है जो सबसे निराला और विचित्र है ,वही मित्र है कभी अल्हड़ तो कभी संजीदा बनकर, हंसी खेल में तरकीब नई दिखा जाते निराश चेहरों पर मुस्कान नई ले आते ऐसे... Hindi · Friendshipday Poem · Kavita 327 Share