Tag: Book 2
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जंग तो दिमाग से जीती जा सकती है......
shabina. Naaz
क्यूँ करते हो तुम हम से हिसाब किताब......
shabina. Naaz
खुल जाता है सुबह उठते ही इसका पिटारा...
shabina. Naaz
जब सब्र आ जाये तो....
shabina. Naaz
ये तो दुनिया है यहाँ लोग बदल जाते है
shabina. Naaz
दिल पे पत्थर ना रखो
shabina. Naaz
आदमी इस दौर का हो गया अंधा …
shabina. Naaz
जल उठी है फिर से आग नफ़रतों की ....
shabina. Naaz
जरूरत से ज्यादा मुहब्बत
shabina. Naaz
निदामत का एक आँसू ......
shabina. Naaz
सादगी तो हमारी जरा……देखिए
shabina. Naaz
Ajeeb hai ye duniya.......pahle to karona se l ladh rah
shabina. Naaz
खुदा को ढूँढा दैरो -हरम में
shabina. Naaz
हर वो दिन खुशी का दिन है
shabina. Naaz
सारी जिंदगी कुछ लोगों
shabina. Naaz
अपने माँ बाप पर मुहब्बत की नजर
shabina. Naaz
अभी कुछ बरस बीते
shabina. Naaz
हम मुहब्बत कर रहे थे........
shabina. Naaz
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
shabina. Naaz
दिल तोड़ने की बाते करने करने वाले ही होते है लोग
shabina. Naaz
जिस्म का खून करे जो उस को तो क़ातिल कहते है
shabina. Naaz
बढ़ी शय है मुहब्बत
shabina. Naaz
क्या कहना हिन्दी भाषा का
shabina. Naaz
मरने वालों का तो करते है सब ही खयाल
shabina. Naaz
दुख मिल गया तो खुश हूँ मैं..
shabina. Naaz
अपने जमीर का कभी हम सौदा नही करेगे
shabina. Naaz
दूसरों का दर्द महसूस करने वाला इंसान ही
shabina. Naaz
ये उदास शाम
shabina. Naaz
सेहत बढ़ी चीज़ है (तंदरुस्ती हज़ार नेमत )
shabina. Naaz
ये जंग जो कर्बला में बादे रसूल थी
shabina. Naaz
चंद अपनों की दुआओं का असर है ये ....
shabina. Naaz
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
shabina. Naaz
वास्ते हक के लिए था फैसला शब्बीर का(सलाम इमाम हुसैन (A.S.)की शान में)
shabina. Naaz
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
किसी के साथ की गयी नेकी कभी रायगां नहीं जाती
shabina. Naaz
: काश कोई प्यार को समझ पाता
shabina. Naaz
थक गये है हम......ख़ुद से
shabina. Naaz
फितरत में वफा हो तो
shabina. Naaz
अपनी 2
shabina. Naaz
फितरत
shabina. Naaz
तुम भी पत्थर
shabina. Naaz
क्यूँ इतना झूठ बोलते हैं लोग
shabina. Naaz
छोटी सी दुनिया
shabina. Naaz
एक फूल खिला आगंन में
shabina. Naaz
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
अपनी घड़ी उतार कर किसी को तोहफे ना देना...
shabina. Naaz
कितने दिन कितनी राते गुजर जाती है..
shabina. Naaz
दौरे-हजीर चंद पर कलमात🌹🌹🌹🌹🌹🌹
shabina. Naaz
खुदा रखे हमें चश्मे-बद से सदा दूर...
shabina. Naaz
मेरा मन उड़ चला पंख लगा के बादलों के
shabina. Naaz