Posts Tag: Ashantlekhani 106 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid 'अशांत' शेखर 24 Sep 2022 · 1 min read ✍️रंग बदलती जिंदगी मुझे यहाँ का हर मौसम पतझड़ सा ही मिला याद नहीं मैं किस मौसम में बहारो सा खिला न जाड़ो से ना कभी धुप से कोई शिकवा रहा रंग बदलती... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 5 654 Share 'अशांत' शेखर 6 Dec 2022 · 1 min read ✍️क्रांतिउर्जा के क्रांतिसूर्य सदियों के घने अंधरो की सख़्त दीवारों को फाड़कर निकला था उसकी आँखों से आफ़ताब की रोशनी का एक बवंडर.. कफ़स में पड़े मुर्दा ज़िस्म उठकर खड़े हुए मानो साँस... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 1 389 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️वो सब अपने थे... अब मैं भी थक गया हूँ मेरे पीठ में खंजरों के घांव गिनकर हाँ सब तो उन्हीं के थे जिन्हें बैठा था मैं अपना समझकर …………………………………………..…// ©✍️'अशांत' शेखर 07/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 2 462 Share 'अशांत' शेखर 16 Sep 2022 · 1 min read ✍️मेरे भीतर का बच्चा अच्छा होता यदि मेरे भीतर का ये मासूम बच्चा कभी बड़ा ना होता कुछ नादानीयाँ और शरारते करता बड़ो जैसी गहरी साजिशें तो ना करता …………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 16/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 372 Share 'अशांत' शेखर 15 Sep 2022 · 1 min read ✍️मेरे जिंदगी का कैनवास... उसकी बातों पर यकीन था उसने कहाँ 'ये जिंदगी बड़ी ही रंगीन है'। मैंने अपने जिंदगी के कोरे 'कैनवास' पे इंद्रधनु के सारे रंग उँडेल दिये... हरा,लाल,पिला, गुलाबी,जामुनी,निला ओर भी... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 453 Share 'अशांत' शेखर 28 Sep 2022 · 1 min read ✍️अस्तित्वाच्या पाऊलखुणा पावलांना कधी कुठे उसंत असते... ते शोधत फिरतात आपल्याच अस्तित्वाच्या पाऊलखुणा चुकलेल्या भूतकाळातल्या... पुन्हा पुन्हा भविष्याच्या वाटचालीत दिशाभूल करणारा तोच तो भूतकाळ येऊ नये म्हणून... मात्र वर्तमान निरंतर सांगड घालत... Marathi · Ashantlekhani · मुक्तक 308 Share 'अशांत' शेखर 14 Oct 2022 · 1 min read ✍️और शिद्दते बढ़ गयी है... कुछ मुद्दते गुजर गयी है पहचानी राहों से मिले हुये..! और शिद्दते बढ़ गयी है अंजान मंझिलो से मिलने की..! …………………………………// ✍️'अशांत' शेखर 14/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 2 333 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️रूह के एहसास... मैं गहरा दर्द हूँ आँखों में भरकर भी आप मुझे गिरा सकते हो मैं चोटिल लफ्ज़ हूँ जुबाँ से बोलकर भी आप मुझे महसूस करा सकते हो गर लफ्ज़ अश्क़... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 4 307 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️हौसले भी कहाँ कम मिलते है इस जिंदगी में थोड़ी ख़ुशी पाने के चाहत में कई ज्यादा गम मिलते है मगर जिंदा इँसान में जीने के बूलंद हौसले भी कहाँ कम मिलते है …………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 413 Share 'अशांत' शेखर 29 Nov 2022 · 1 min read ✍️कुछ दबी अनकही सी बात कुछ थी बातें मैं धीरे धीरे मोम सा पिघल गया उस अँधेरे में रोशनी के लिए शमा सा जल गया रोज मिलते रहे शहर में शहद की जुबाँ के लोग... Hindi · Ashantlekhani · ग़ज़ल 1 1 388 Share 'अशांत' शेखर 25 Sep 2022 · 1 min read ✍️कमाल था... मेरा ऊंचाई को छूना भी तो बड़ा ही कमाल था..! आसमाँ का ख़्वाब किसका यहाँ मुक्कमल था..? …………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 25/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 5 388 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️कर्म से ही वजूद… तेरे कर्म की कहानी ही तेरे वजूद की निशानी है ये अच्छा बुरा वक़्त ही हर इंसान की जुबानी है ………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 31/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 2 325 Share 'अशांत' शेखर 26 Sep 2022 · 1 min read ✍️कल और आज कल के इंतजार में शायद ये वक़्त गुजर जायेगा आज की शुरुवात में शायद ये लम्हा सँवर जायेगा ………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 26/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 4 6 314 Share 'अशांत' शेखर 28 Sep 2022 · 1 min read ✍️मसला तो ख़्वाब का है एक आसान सी जिंदगी जीने के बेहद सरल रास्ते होते है जिंदगी के सारे खतरे तो ख़्वाब जीने के लिए उठाने होते है ……………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 28/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 1 2 258 Share 'अशांत' शेखर 7 Nov 2022 · 1 min read कल्पना ही कविता का सृजन है... कल्पना से सूंदर कविता है... ऐसा वो कहती है.. कल्पना जेहन को विचारों से सहेजती है... और कविता शब्दो का साज शृंगार करती है... मैंने कहाँ मगर कल्पना ही तो... Hindi · Ashantlekhani · कविता 6 9 329 Share 'अशांत' शेखर 12 Jan 2023 · 1 min read ✍️खाली और भरी जेबे... जिनकी जेबे खाली की खाली रह गयी वो मुझे बुरा कहते है और जिनकी जेबे भर गयी थी वो सिर्फ उनके तसल्ली के लिए मुझे बुरा समझते है हाँ मैं... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 3 282 Share 'अशांत' शेखर 23 Sep 2022 · 1 min read ✍️सफलता के लिए... सफलता के लिए जितने की जिद.. हार के डर से बड़ी होनी चाहिये उस जिद के साथ कोशिशे हजार मगर उम्मीद एक खड़ी होनी चाहिये …………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 23/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 4 8 290 Share 'अशांत' शेखर 10 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge: त्याग मानव के इंसानियत का परमोच्च शिखर है त्याग... असीम प्रेम को त्यागकर खुद पुर्णता बिखर जाना... और किसी दूसरे को सँवार लेना... ये मानवता की सर्वोच्च मिसाल है त्याग ही... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · त्याग 2 2 261 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️दुनियां को यार फिदा कर... इन कुम्हलाते जेहन में एक नई सोच तू जिंदा कर ये मन के स्याह अँधेरे है इसमें नई रोशनी पैदा कर गुमराह करते है वो रास्ते जहाँ संगमिल ना लगा... Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 269 Share 'अशांत' शेखर 15 Sep 2022 · 1 min read कौन बुरा..? कौन अच्छा...? महापंडित महापराक्रमी उस रावण की सदा बुराइयां जलाते आये है यहाँ के अज्ञानी और कायर लोग राम के अच्छाइयो का चोला पहनकर.. 'घर का भेदी लंका ढहाये' ये कहावत भी... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 248 Share 'अशांत' शेखर 10 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुछ चेहरे.. कितने परतों के नक़ाब में ढके होते है कुछ दगाबाज चेहरे शक़्ल पे तो सादगी मगर भीतर छुपे होते है कुछ राज गहरे ………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 10/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 4 4 323 Share 'अशांत' शेखर 12 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : जल कुदरत की अनमोल देन जल है वो महान थे जिन्होंने विश्व में पहली जलक्रांति के विचार को छेड़ा के हर जिव पशु पक्षी और मानव का जल पर समान अधिकार... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 6 2 266 Share 'अशांत' शेखर 16 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : समय समय चलता है साथ साथ जब आप उसके अनुकूल रास्तो पर चलते रहते है मगर आपका कोई कदम समय के विपरीत रास्तो पर पड़ जाये तो वो भी तुरंत अपना... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 3 219 Share 'अशांत' शेखर 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुछ बाते… बाते मीठी.. बाते खट्टी.. बाते कड़वी.. बाते जहर भी होती है... बाते बोझ से दबे अंतर्मन को मुक्ति पाने का साधन होती है... बाते एक दूसरे के अंतर्मन से संवाद... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 4 223 Share 'अशांत' शेखर 21 Sep 2022 · 1 min read ✍️कुछ तो वजह हो... कोई तो एक मुस्कुराहट की वजह पास हो.. अर्सा हो गया अपने हँसते चेहरे से मिले हुए कोई तो तन्हा जिंदगी का हमसफ़र साथ हो.. मुद्दते गुजरी है भीड़ के... Hindi · Ashantlekhani · शेर 4 6 309 Share 'अशांत' शेखर 17 May 2023 · 1 min read ना आप.. ना मैं... कई अर्से तक अपने आप को टालते रहा.. अपने आप से छुपते रहा मैं... और एक दिन आईने से मुलाक़ात हो गयी मेरी... अब मैं अपने आपको जानने लगा हूँ... Poetry Writing Challenge · Ashantlekhani · कविता 3 2 269 Share 'अशांत' शेखर 16 Sep 2022 · 1 min read ✍️जिंदगी और किस्मत जिंदगी यूँही किस्मत से नहीं चलती है जनाब.. वर्ना चौराहे की लॉटरी होटल ताज में बिकती.. ……………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 16/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 2 191 Share 'अशांत' शेखर 29 Sep 2022 · 1 min read ✍️नये सभ्यता के प्रयोगशील मानसिकता का विकास हां मेरी जाती का नाम सुनते ही उनके कदम ठहर जाते थे ठाकुर मोहल्ले के चौराहे पर आधे कोस की दुरी से वो मेरे बस्ती का जायजा कर लेते थे... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 1 2 245 Share 'अशांत' शेखर 24 Oct 2022 · 1 min read ✍️पेट की भूख का शोर वो नजरे गढ़ाये खड़ा था जगमगाती रोशनी उसकी आँखों में जुगनू की तरह आंखमिचौली खेल रही थी वैसे तो सारा आसमाँ बेशुमार प्रकाशदीपो से झिलमिल हो उठा था लेकिन उसके... Hindi · Ashantlekhani · कविता 6 9 233 Share 'अशांत' शेखर 2 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुदरत और फ़ितरत गिरगिट को रंग बदलने का हुनर तो क़ुदरत से मिला मगर यहाँ हर वक़्त रंग इंसान के फ़ितरत ने बदला …………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 02/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 5 329 Share 'अशांत' शेखर 10 Oct 2022 · 1 min read ✍️कुछ रिश्ते... मिट्टी के कच्चे घडे की तरह होते है कुछ रिश्ते.. अंदर मीठा पानी भरो फिर भी नीचे से टपकते.. ………………………………………………………………………// ✍️'अशांत' शेखर 10/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 3 2 261 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️हृदय को थोड़ा कठोर बनाकर शिकायते हारे मन की सबब होती है हमदर्दी नर्म भावनाओ की वजह होती है मायूसी कमजोर जेहन की शिकार होती है हृदय को थोड़ा कठोर बनाकर भी जिंदगी बसर होती... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 2 4 237 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️इतिहास के पन्नो पर... उन्ही की होती है इतिहास के पन्नो पर कहानियाँ जिन की वतन पे बेख़ौफ मर मिटती है जवानियाँ …………………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 07/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 197 Share 'अशांत' शेखर 23 Nov 2022 · 1 min read ✍️साहस उठने से ज्यादा तकलीफ़देह है गिरना और भी मुश्किल है गिरते हुए को संभालना उठ नही पाया तो वह जिंदा रह सकता है गिरनेवाला बच जाये ये उसकी किस्मत है... Hindi · Ashantlekhani · कविता 2 2 238 Share 'अशांत' शेखर 17 Oct 2022 · 1 min read ✍️संस्कृती के कठोर रक्षाकवच... अनित्य सनातनी अज्ञान के स्याह अंधेरो में ज्ञान की रोशनी यूँही झाँकती नहीं हटवादी अविवेकी अंधकार के तमस में परिवर्तनशील सोच की इक लौ कभी जलती नहीं क्यूँ की संस्कृती... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 4 8 248 Share 'अशांत' शेखर 16 Oct 2022 · 1 min read ✍️उत्सव और मातम… उत्सव जित का मनाया जाता है... उत्सव हार का भी मनाया जाता है... मातम हार का मनाया जाता है... मातम जित का भी मनाया जाता है... सिर्फ हार और जित... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 2 194 Share 'अशांत' शेखर 1 Oct 2022 · 1 min read ✍️सूरज से रोशन है जहाँ दिन की रोशनी में चाँद की हैसियत ही क्या ? अँधेरे में तो सूरज के ही उजालो पे वो इतराता है हम हर खूबसूरत मुखड़े को यूँही चाँद कहते है... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 245 Share 'अशांत' शेखर 29 Oct 2022 · 1 min read ✍️रूह की जुबानी चलो इक फ़क़ीर के प्यार की वाणी बन जाये कोई एक इश्क़ की सूफ़ियाना कहानी बन जाये मैं कबीर के दोहे बनु तू मीरा के गीत बन जा... आओ इँसानियत... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 2 198 Share 'अशांत' शेखर 23 Sep 2022 · 1 min read ✍️आस टूट जाती है जो चाहो वो पाओ ऐसा यहाँ होता नहीं... पाने की चाह में अक्सर उम्र कट जाती है नींद कितने भी सुनहरे ख़्वाब दिखा लें... सुबह जागते ही उसकी आस टूट... Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 6 238 Share 'अशांत' शेखर 31 Oct 2022 · 1 min read ✍️जब रिक्त हथेलियाँ... जब रिक्त हथेलियाँ खाली पेट कड़ी धुप निगलकर ज़िस्म के पसीने से अश्क़ पीकर मेहनताने की तलाश में भूखी भटकती है हताश... सहनशीलता के अंत में वे आखिर मुट्ठियां बन... Hindi · Ashantlekhani · कविता 1 209 Share 'अशांत' शेखर 16 Sep 2022 · 1 min read ✍️हम हादसों का शिकार थे धूप में किसी की छाँव थे कभी बेमौसम बहार थे वक़्त के हालातों में उलझी हुई हाथ की लकीर थे किसी की जरूरत थे तो किसी के लिए बेकार थे... Hindi · Ashantlekhani · शेर 3 6 292 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️सोच तिलिस्मी तालों में बंद है... क्या असर होगा नस्लो पर सिर्फ मुर्दा ज़िस्म आझाद है और आपका दिल दिमाग दखियानुसी रिवाज़ो में क़ैद है दुनियां आसमाँ के चाँद सितारे छूने की होड़ में लगी है... Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 4 194 Share 'अशांत' शेखर 15 Oct 2022 · 1 min read ✍️कभी कभी कभी कभी रास्ते पैरोंतलों से गुमसुम गुजर जाते है कभी कभी कदमो के भरोसे हम मौन खड़े रह जाते है कभी कभी वक़्त छूट जाता है हम खाली हाथों को... Hindi · Ashantlekhani · मुक्तक 3 2 192 Share 'अशांत' शेखर 1 Nov 2022 · 1 min read ✍️चश्म में उठाइये ख़्वाब... गर दिल मोहब्बत से भरा है तो इश्क़ फरमाइये जनाब नफ़रतों का नजरियां बदलकर चश्म में उठाइये ख़्वाब …………………………………………………………………....…// ©✍️'अशांत' शेखर 01/11/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 2 4 173 Share 'अशांत' शेखर 19 Sep 2022 · 1 min read ✍️अहंकार हजारो हार के बाद मिलनेवाली एक जित दुनिया पर भारी पड़ जाती है हजारो जित के बाद मिलनेवाली एक हार अहंकार पर भारी पड़ जाती है ………………………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 19/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 4 6 203 Share 'अशांत' शेखर 17 Sep 2022 · 1 min read ✍️मैले है किरदार उनके खुद के किरदार पे मैल चढ़ा है वो मेरे शख़्सियत पर धूल उड़ा रहे है ……………………………………………………// ©✍️'अशांत'शेखर 17/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 5 6 188 Share 'अशांत' शेखर 7 Oct 2022 · 1 min read ✍️दरबदर भटकते रहा.. जिस राह को मैं तलाश रहा था उसने मुझे मुड़ने का इशारा किया.. और उन्ही रास्तों को ढूंढते हुए वो मुसाफिर दरबदर भटकते रहा.. ……………………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 04/10/2022 Hindi · Ashantlekhani · शेर 1 2 169 Share 'अशांत' शेखर 13 Nov 2022 · 1 min read Daily Writing Challenge : सम्मान जब व्यक्तित्व से आपका कर्तुत्व बड़ा बन जाता है तब आपके सम्मान में दुनिया का सर झुक जाता है जब आपका हाथ किसी के दुःख दर्द का साथ निभाता है... Hindi · Ashantlekhani · Daily Writing Challenge · कविता 4 2 171 Share 'अशांत' शेखर 20 Sep 2022 · 1 min read ✍️बुद्ध का उदय दुःखो की चरमसीमा पर अक्सर वे लोग हार जाते है जिनके संयम जवाब दे जाते है इसके बाद ही तो सुखमय परम आनंद के सफर की शुरुवात होती है मात्र... Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 2 4 250 Share 'अशांत' शेखर 27 Sep 2022 · 1 min read ✍️मानव का वर्तन मानव का वर्तन अथाह सागर सा प्रतीत हो… ना ज्वार के चढ़ाव का अहम हो… ना भाटा के उतार की शरम हो… …………………………………// ©✍️'अशांत' शेखर 27/09/2022 Hindi · Ashantlekhani · कोटेशन 1 2 169 Share Page 1 Next