Posts Tag: ज़िन्दगी 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 4 Dec 2025 · 1 min read खिलखिलाती नहीं है गीतिका ~~~~ बिना दोस्त के खिलखिलाती नहीं है। बिना बात के बीत पाती नहीं है। अजब फलसफा है यहां जिन्दगी का। कभी राह खुद से दिखाती नहीं है। कभी साथ... Hindi · गीतिका · ज़िन्दगी · भुजंगप्रयात छंद 1 24 Share JITESH BHARTI CG 26 Apr 2025 · 1 min read *मन के रंग * एक नई कविता हिंदी मन के रंग मन के कोरे कागज पर, ख्वाबों की रंगोली भर दूँ, धूप अगर तपती आए, छाँव की चादर मैं कर दूँ। चुप्पी की गलियों में जाकर, बातों की... Hindi · कविता · कविता-हिन्दी · जितेश भारती · ज़िन्दगी 2 118 Share Rajkumar Sharma 16 Mar 2025 · 1 min read ज़िन्दगी का जोश *ज़िन्दगी के जोश को, उम्दा बनाइये,* *A.C की हवा छोड़ के, बाहर तो आइये।* *इस कमरे से उस कमरे में, काटो न ज़िन्दगी,* *ताजी हवा जो खानी है, खेतों में... Hindi · कविता · गांव · ज़िन्दगी · जोश 1 100 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 31 May 2024 · 1 min read "बचपन यूं बड़े मज़े से बीता" बचपन यूं बड़े मज़े से बीता, ज़वानी कट गई सारी जिम्मेदारी में!! अब इस उमर में क्या रोना धोना, बुढ़ापा कट ही जायेगा प्यार की बीमारी में!! देखो सारे बाल... Hindi · ग़ज़ल · ज़वानी · ज़िन्दगी · बचपन 1 241 Share Juhi Grover 27 May 2024 · 1 min read परत दर परत परत दर परत दिल में एहसास जम गए थे कई, अन्दर ही अन्दर बस बढ़ते गए थे ज़ख्म कई, ज़िन्दगी का एहसास ही खत्म हो गया हो जैसे, मौत का... Poetry Writing Challenge-3 · एहसास · कविता · ज़िन्दगी · परत दर परत · मरहम 334 Share Juhi Grover 18 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी के निशां यहाँ ज़िन्दगी की धड़कनें थम सी गई हैं, चलो, दूसरे घर नहीं, तीसरे घर चलते हैं, कहीं तो ज़िन्दगी में साँसें मौजूद हीहोंगी, कि कहीं तो ज़िन्दादिली ही वजूदमें होगी।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहर · ख़्वाहिशें · ज़िन्दगी · ज़िन्दादिली 1 229 Share Juhi Grover 17 May 2024 · 1 min read ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? बर्बाद कर दिया खुद को काफ़िर बनकर, ज़िन्दगी में अब बचा क्या है? शाम के बाद रात तो होनी ही थी, इसमें अब शुभा क्या है? कोई भी राह हमें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · काफ़िर · ग़ज़ल · ज़िन्दगी · मंज़र 241 Share Mangilal 713 12 May 2024 · 1 min read जिन्दगी की किताब में जिंदगी की किताब में कुछ पन्ने महबूब-ए-इश्क के होते हैं कुछ बर्बाद होते है इसमें कुछ अपना घर जलाते हैं मेरे इश्क की बात ही निराली है वो आकर कहती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · किताब · किताबें · ज़िन्दगी · नई किताब 16 264 Share Mangilal 713 12 May 2024 · 1 min read जिन्दगी की किताब में जिंदगी की किताब में कुछ पन्ने महबूब-ए-इश्क के होते हैं कुछ बर्बाद होते है इसमें कुछ अपना घर जलाते हैं मेरे इश्क की बात ही निराली है वो आकर कहती... Poetry Writing Challenge-3 · Book · कविता · कोटेशन · ज़िन्दगी 16 735 Share Mukesh Kumar Sonkar 17 Feb 2024 · 1 min read कुछ पल अपने लिए "कुछ पल अपने लिए" बीत रही जिन्दगी सारी दूसरों की सोचकर, अब तलक कभी जिया नहीं अपने लिए। सोचता हूं जरा इस जिन्दगी को रोककर, मैं भी निकालूं इसमें से... Poetry Writing Challenge-2 · आज के जीवन की भागदौड़ · कविता · कुछ पल अपने लिए · ज़िन्दगी · जीवन यात्रा 1 268 Share Page 1 Next