Posts Tag: सामाजिक विसंगतियां 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid श्रीकृष्ण शुक्ल 1 May 2018 · 1 min read हम श्रमिक आज श्रमिक दिवस है. श्रमिक की वेदना व्यक्त करती मेरी कविता. हम श्रमिक हम रहे श्रमिक हम क्या जानें अच्छे दिन कैसे होते हैं दो जून की रोटी की खातिर,... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत · सामाजिक विसंगतियां 234 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 21 Mar 2018 · 1 min read फुटपाथों का बचपन आँखों में अगणित प्रश्न लिए और मन में बस जिज्ञासा तन से कोमल मन से कुंठित लगता है डरा डरा सा बचपन में मानो जान लिया हो सारा जीवन दर्शन... Hindi · कविता · काव्य संग्रह 1 · सामाजिक विसंगतियां 455 Share श्रीकृष्ण शुक्ल 17 Sep 2017 · 1 min read श्वासों का होम नित्य होम श्वासों का करता हूँ नित्य ही जीता नित्य ही मरता हूँ सूनी आँखों में स्वप्न सँजोए हैं, बगिया में थोड़े पौधे बोए हैं विकसित होंवें ये फूलें और... Hindi · काव्य संग्रह 1 · गीत · सामाजिक विसंगतियां 591 Share