■ धर्म चिंतन...【समरसता】
#आभास_की_आकृति ■ निराकार का प्रतिबिम्ब है साकार...! 【प्रणय प्रभात】 धर्म धारणा गढ़ने या मढ़ने का नहीं धारण करने का विषय है। वो भी सम्पूर्ण आस्था, मनोयोग व एकाग्रता जैसे भावों...
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