Posts Tag: विरह गीत 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Neeraj Mishra " नीर " 18 May 2024 · 1 min read खुद को इतना .. सजाय हुआ है विरह गीत श्याम सुंदर मेरे.. मैंने तेरे लिए खुद को इतना .. सजाय हुआ है ये काजल ,ये चूड़ी , ये गजरा मैने मैहदी लगाया हुआ है .. श्याम सुंदर... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया · गीत · विरह गीत · विरह वेदना 1 87 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read प्रेम के पल ज़िन्दगी में जो सँजोये प्रेम के पल नित्य मैंने, पल वही मिलकर सभी क्यों अब मुझे ठगने लगे हैं | हाय ! इस निष्ठुर नियति ने क्यों अकारण ही छला... Poetry Writing Challenge-2 · गीत · वियोग श्रृंगार · विरह · विरह गीत 128 Share Poonam Matia 20 Feb 2024 · 1 min read *मन राह निहारे हारा* कब आओगे, कब आओगे, कब आओगे साजन! जब आँगन में मेघ निरंतर झर-झर बरस रहे हों, ऐसे में दो विकल हृदय मिलने को तरस रहे हों, जब जल-थल सब एक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · गीत · विरह गीत 7 6 1k Share Kavita Chouhan 6 Jul 2023 · 1 min read *****वो इक पल***** वो इक पल..... छूट गया वो पल यूँ रफ्ता बिखरा जैसे कि टूटा पत्ता निशां सा बाकी रह गया कहीं शायद कुछ तो था छूटा यहीं वो लाली झंकार अब... Hindi · कविता · विरह गीत 1 2 198 Share दीपक झा रुद्रा 5 Apr 2023 · 1 min read करुणा, स्याही बनकर गीत लिख दो.... है विरह की पीर करुणा स्याही बनकर गीत लिख दो जिसमें मेरी हार हो उसमें उनकी जीत लिख दो भावनाएं अब विखंडित हो रही मेरे हृदय में जिसमें स्नेहिल चिर... Hindi · कविता · गीत · विरह गीत 2 2 227 Share दीपक झा रुद्रा 30 Jan 2023 · 1 min read एक तुम ही थे हमारे किस सपन की बात करता। एक तुम ही थे हमारे किस सपन की बात करता। नेत्र के अंधेर नगरी में मैं कैसे रश्मि भरता। बाक़ी कुछ मैं क्या बताऊं रोऊं या चिखूं चिल्लाऊं मन में... Hindi · कविता · प्रेम गीत · वियोग श्रृंगार · विरह गीत 261 Share दीपक झा रुद्रा 27 Jan 2023 · 1 min read उर से तुमको दूंँ निर्वासन! अक्सर आंँसू ने धोखा से छोड़ा नयन का व्योम अकिंचन। घटना है, प्रयास अथक है, मन से तुमको दूंँ निर्वासन! फूल सरीखा दिल है मेरा तुम कहते हो पत्थर होने।... Hindi · कविता · गीत · प्रेम · विरह गीत 158 Share Kavita Chouhan 21 Dec 2022 · 1 min read आ जाते जो एक बार आ जाते जो एक बार....... आ जाते जो एक बार आनंदित सा हो मन मिट जाते अवसाद आ जाते जो एक बार परे निर्बल मरुस्थल स्नेह का गहरा सागर वो... Hindi · कविता · घनाक्षरी · विरह गीत 1 351 Share Ram Krishan Rastogi 30 Jun 2022 · 1 min read इन तन्हाइयों में तुम्हारी याद आयेगी इन तन्हाइयों में तुम्हारी याद आयेगी। किए थे जो वादे उनकी याद आयेगी।। चांदनी रात में जब चांद चमेगा, देखकर उसको मेरा दिल धड़केगा। कैसे इस दिल को मैं समझाऊंगी,... Hindi · विरह गीत 1 5 403 Share लक्ष्मी सिंह 2 Feb 2021 · 1 min read विरह गीत _वीर_छंद आधारित विरह गीत लिखा हुआ है क्यों किस्मत में,इतना लंबा विरह-वियोग। लगा गये हो जाते-जाते, बड़ा-भयानक दिल का रोग। सुबक रही हूँ अबोध शिशु-सी, मन को समझाएगा कौन। नित... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · विरह · विरह गीत · वीर छंद 12 48 627 Share लक्ष्मी सिंह 16 Mar 2020 · 1 min read विरह गीत विधा -तंत्री छंद विधान-प्रति चरण 32 मात्रायें । 8/8/6/10 मात्राओं पर यति। दो- दो चरण समतुकांत होते हैं। चरणांत दो गुरु (2 2) से होता है । पिया लौट कर,... Hindi · गीत · तंत्री छंद · विरह · विरह गीत 2 1 307 Share लक्ष्मी सिंह 19 Feb 2020 · 1 min read विरह गीत _वीर_छंद आधारित विरह गीत लिखा हुआ है क्यों किस्मत में,इतना लंबा विरह-वियोग। लगा गये हो जाते-जाते, बड़ा-भयानक दिल का रोग। सुबक रही हूँ अबोध शिशु-सी, मन को समझाएगा कौन। नित... Hindi · गीत · विरह · विरह गीत · वीर छंद 3 2 604 Share लक्ष्मी सिंह 3 Dec 2019 · 1 min read बालमा ओ बालमा (विरह गीत) विधा-रूपमालाछंद ★★★★★★★★★★ बालमा ओ बालमा जी,क्यों गये परदेश। चार पैसे के लिए दिल,पर लगा कर ठेस। हाय तेरी नौकरी से, छिन गया सुख चैन। ढ़ूंढ़ते- फिरते तुम्हें ही नित्य पागल... Hindi · गीत · रूपमाला छंद · विरह · विरह गीत 1 238 Share लक्ष्मी सिंह 2 Dec 2019 · 1 min read सर्द की रात( विरह) रूपमाला छंद शिल्प-14'10की यति पर चरणान्त गुरु लघु मापनी-2122,2122, 2122 21 ********************************* काटते कटती नहीं है ,सर्द की यह रात। याद आती है मुझे प्रिय ,प्रेम की हर बात। नींद... Hindi · गीत · रूपमाला छंद · विरह · विरह गीत 1 251 Share लक्ष्मी सिंह 24 Aug 2019 · 1 min read विरह की आग विजात छंद विरह की आग है ऐसी, बना तन राख के जैसी। सहूँ यह वेदना कैसे, हृदय में पीर भारी है। बना बैरी पिया मेरा, नयन में नीर भारी है।... Hindi · गीत · गीतिका · विजात छंद · विरह · विरह गीत 244 Share लक्ष्मी सिंह 31 May 2018 · 1 min read आजा रे तू काले बदरा, ले घनघोर घटा रे। ? ? ? ? ? आजा रे तू काले बदरा ,ले घनघोर घटा रे। जीवन में खालीपन घेरा ,सूखा नीर नयन रे। नाम अधर पर तेरा रहता ,हर पल मनभावन... Hindi · गीत · ललित छंद/सार छंद · विरह गीत 283 Share लक्ष्मी सिंह 8 Jul 2017 · 1 min read संदेश ???? सखी रे नहीं,आया संदेश। पिया मेरे जाय बसे हैं विदेश। लिख-लिख पाती,रोज पठाऊँ, दिन-भर उनको, फोन लगाऊँ। घर-बाहर कहुँ चैन न पाऊँ, हाल ज हाय सखी कैसे उन्हें बताऊँ।... Hindi · गीत · विरह · विरह गीत 501 Share