Posts Tag: वास्त्रग्विणी छंद 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid लक्ष्मी सिंह 5 Feb 2021 · 1 min read पास आकर कभी आधार छंद वास्त्रग्विणी मापिनी-212 212 212 212 पास आकर कभी बैठ जाया करो। फासले इस तरह से मिटाया करो। थाम कर हाथ मेरा घड़ी दो घड़ी, बात मन की हमें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · वास्त्रग्विणी छंद 1 1 193 Share लक्ष्मी सिंह 23 Jan 2021 · 1 min read दीप ऐसा जले आधार छंद वास्त्रग्विणी मापिनी-212 212 212 212 समान्त- आन, पदान्त-का दीप ऐसा जले हर तरफ ज्ञान का। दूर हो कष्ट हर एक इंसान का। स्वर्ग भी सिर झुकाता रहा है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · वास्त्रग्विणी छंद 1 284 Share