Posts Tag: वसुधैव कुटुंबकम् 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 1 min read मेरा घर जैसे ही मनोभाव साझा होते हैं, दिल से दिल बात करने लगता है। एकांत की बेड़ियां तोड़कर, पंछी ख़ुद को आज़ाद करने लगता है। भाव हर मन के पास यूं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · मनोवृत्ति · वसुधैव कुटुंबकम् · संसार 2 154 Share हिमांशु बडोनी (दयानिधि) 2 May 2024 · 2 min read गूॅंज जो गौर किया तब यही पाया, ये प्रकृति निष्पक्ष व्यवहार करती है। नीति-रीति या प्रीति-प्रतीति, ये सभी प्रकृति की हुंकार से डरती हैं। कर्म, धर्म और मर्म सबको, निश्चित क्रमानुसार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · तुकांत कविता · मानवता · वसुधैव कुटुंबकम् · वैश्विक सम्बन्ध 1 90 Share