Posts Tag: रूपमाला छंद 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 3 Jun 2024 · 1 min read बाजार गीतिका ~~~ खूब फैले जा रहे हैं हर जगह बाजार। व्यक्ति होता जा रहा है बेवजह लाचार। हर जगह धन चाहिए तो बन सके कुछ बात। पा सकेगा किस तरह... Hindi · गीतिका · रूपमाला छंद 158 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read रूप यौवन गीतिका ~~ रूप यौवन चार दिन का मत करो अभिमान। व्यर्थ ही करना नहीं हम को स्वयं गुणगान। फूल खिलता खूबसूरत खूब महके छोर। और करते हैं सभी सौंदर्य का... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · रूपमाला छंद 2 99 Share surenderpal vaidya 26 May 2024 · 1 min read रूठ मत जाना गीतिका ~~ रूठ मत जाना बहुत है आपसे जब प्यार। स्नेह का अनुबंध हमको पूर्ण है स्वीकार। हर तरफ जब खूबसूरत खिल रहे हैं फूल। खूब महकी जा रही हैं... Poetry Writing Challenge-3 · गीतिका · रूपमाला छंद 1 97 Share surenderpal vaidya 2 Apr 2024 · 1 min read * साथ जब बढ़ना हमें है * ** गीतिका ** ~~ साथ जब बढ़ना हमें है, छोड़ दें अलगाव। और सब सहते रहे मिल, मन बदन पर घाव। शूल पांवों में चुभा है, राह पर वीरान। मिल... Hindi · गीतिका · रूपमाला छंद 1 1 95 Share लक्ष्मी सिंह 3 Dec 2019 · 1 min read बालमा ओ बालमा (विरह गीत) विधा-रूपमालाछंद ★★★★★★★★★★ बालमा ओ बालमा जी,क्यों गये परदेश। चार पैसे के लिए दिल,पर लगा कर ठेस। हाय तेरी नौकरी से, छिन गया सुख चैन। ढ़ूंढ़ते- फिरते तुम्हें ही नित्य पागल... Hindi · गीत · रूपमाला छंद · विरह · विरह गीत 1 242 Share लक्ष्मी सिंह 2 Dec 2019 · 1 min read बचपन रूपमाला छंद +++++++++- बाल मन निर्मल बहुत है,और हैं मासूम। रूठते पल में मनाते, खिलखिलाते झूम। रूप है भगवान जैसा, है, हृदय अनमोल। कर्ण में रस घोलते मुख, से निकलते... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · बचपन · रूपमाला छंद 1 484 Share लक्ष्मी सिंह 2 Dec 2019 · 1 min read सर्द की रात( विरह) रूपमाला छंद शिल्प-14'10की यति पर चरणान्त गुरु लघु मापनी-2122,2122, 2122 21 ********************************* काटते कटती नहीं है ,सर्द की यह रात। याद आती है मुझे प्रिय ,प्रेम की हर बात। नींद... Hindi · गीत · रूपमाला छंद · विरह · विरह गीत 1 252 Share लक्ष्मी सिंह 28 Nov 2019 · 1 min read सरस्वती वंदना रूपमाला छन्द ★★★★★★★★ हे भवानी! भारती! मुझ पर करो उपकार। हाथ जोड़े हूँ खड़ी कर लो नमन स्वीकार। दीप आशा की जलाये आ गई हूँ द्वार। हर दिवस लिखती रहूँ... Hindi · गीत · भजन · रूपमाला छंद · वंदना · स्तुति 2 2 584 Share लक्ष्मी सिंह 7 Sep 2019 · 1 min read रोटी रूप माला छंद मापनी-21222122. 212221 एक रोटी फूल-सी, फूली हुई जो आग। आग में जिसको पकाने, से लगे कुछ दाग। एक रोटी गोल, थाली से रही है झाँक। चाँद-सी सूरत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · रूपमाला छंद 3 3 267 Share लक्ष्मी सिंह 21 Aug 2019 · 1 min read बाढ़ - रूप माला छंद बाढ़ से हालत विकट है,सब किया है नाश। भूख से बेहाल हैं सब, देखतें आकाश। हाय देवों ने लिखा है,भाग्य में संत्रास। तब कहाँ दिखती वहाँ... Hindi · गीतिका · रूपमाला छंद 1 1 487 Share