Posts Tag: रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read बेजुबान और कसाई बेजुबान और कसाई ~~~~~~~~~~~~~ (एक याचना) बीच सड़क पर डटे,बेज़ुबान बकरे और कसाई, हो रही थी मौनभाव में, अस्तित्व की लड़ाई । कसाई डोर खींच रहा, पर बकरे ने भी... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 2 188 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read अर्धनारीश्वर की अवधारणा ” अर्धनारीश्वर की अवधारणा ” (छंदमुक्त काव्य) ~~°~~°~~° इस कशमकश-ए-जिन्दगी में, इंतजार करते ही रह जाते हैं लोग… एक दूसरे को समझ पाने में, इंतजार की घड़ियाँ समाप्त ही नहीं... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 2 171 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read मृगतृष्णा मृगतृष्णा ~~~~~ मृगतृष्णा की चादर ओढ़, भटक रहा मानव इस जग में। मातृगर्भ से वर्तमान तक, खुद को समझ न पाया जग में । जन्म लिया निर्मल काया थी, शैशव... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 3 142 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 5 min read श्रीराम गाथा, श्रीराम गाथा (रिश्ता प्रभु से) ~~~~~~~~~ कई युग आए और चले गए , श्रीराम प्रभु सा,कोई हुआ नहीं । होते हैं वीर महान पुरुष , पर अन्तर्मन कोई छुआ नहीं... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 2 171 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read बोलती आँखे…एक अंजान रिश्ता बोलती आँखे… ~~°~~°~~° गर प्यार दिल में बसा हो , तो है, बोलती आंखे… जुबां बंद हो, शर्म से क्यूँ न , फिर भी दिलों का राज तो है,खोलती आँखे…... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 3 354 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read बचपन बचपन ~~°~~°~~° महलों में कहीं पल रहा बचपन, किलकारियों से गूंज रहा है। भूखा तन कहीं जूठे पत्तल पर, बाल सुलभ मन तड़प रहा हैं। सड़कों पर बीत रहा जो... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 1 195 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read श्रद्धा,एक झूठा रिश्ता श्रद्धा ~~°~~°~~° श्रद्धा नहीं जब अपनेपन से , श्रद्धा फिर क्यूँ ,अंजान डगर से । बनती नित एक, नई कहानी , फिर क्यों श्रद्धा, अश्रद्धेय दीवानी। बनती नित एक नई... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 1 231 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read सेमल के वृक्ष…! सेमल के वृक्ष…! ~~°~~°~~° वो सेमल के वृक्ष पुराने …! अब नहीं दिखते… चौड़े सड़क से निकलने वाली , पगडंडी के मुहाने पर खड़ा । विशालकाय वो वृक्ष अब नहीं... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 1 171 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read दिल,एक छोटी माँ..! दिल,एक छोटी माँ..! ( छंद मुक्त काव्य ) ~~°~~°~~° ये दिल क्या है..? एक मुठ्ठी भर मांसपेशियों का उछल कूद, या कोई जीवंत रिश्ता । गौर से सोचो यदि, तो... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 1 142 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read सब तो अपने हैं , सब तो अपने हैं , °°°°°°°°°°°°° कभी-कभार मन ये सोचता, सब तो अपने हैं । चाहे दूर के हो या, नजदीक के रिश्तेदार। सभी तो हैं बस , अपना ही... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 1 181 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read पिता की छाँव पिता की छाँव ~~~~~~~ अँखियों में अरमाँ संजोए,निर्बल थी काया, पिता की छाँव कहूँ या बरगद की छाया… खो गया जब आज मैं , अतीत की यादों में । बचपन... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 1 238 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read यादों के झरोखों से… यादों के झरोखों से… °~°~°~°~° यादों के झरोखों से , कुछ सुनहरी यादें है, बीते हुए लम्हों की अनकही ज़ज्बातें है। फूस की झोपड़ियों में,गुजरा था बचपन का कोना, गांवों... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 2 182 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read अंतर्द्वंद्व अंतर्द्वंद्व ~~°~~°~~° पीहर की यादों मे,जो खोई मैं आज, नादान हंसी और वो चहकता अंदाज । जी रही थी भला जो अपनी मर्जी, पीहर को क्यूँ ,कर दिया नजरअंदाज। विचारों... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 1 172 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 2 min read ओ माँ… ओ माँ… ~~°~~°~~° ओ माँ… आज गोबर थापती तेरी तस्वीर, पुरानी याद आ गयी। आँख भर आयी,वो पुराने पल यादकर, मेरे तकदीर की तदबीर थी तू। अब वो तेरी रूहानी,... Poetry Writing Challenge · कविता · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे 207 Share मनोज कर्ण 11 Jun 2023 · 1 min read माँ की यादें माँ की यादें… ~~°~~°~~° क्यूँ,रुख़सत हुई, माँ “तेरी यादें , यादों में फिर से समाओ ना। दिल करता रो-रोकर फरियादें , माँ,पास फिर से तो आओ ना… बीता पल उन... Poetry Writing Challenge · रिश्ते-कुछ सच्चे कुछ झूठे · हिन्दी कविता 243 Share