विषय :- रक्त रंजित मानवीयता रस-वीभत्स रस विधा-मधुमालती छंद आधारित गीत मापनी-2212 , 2212
#मुखड़ा- लथपथ लहू, होती मिली। धिक्कार कर, रोती मिली।। #अन्तरा-1 खल-शठ हुए,आतुर यहाँ। हैं बेटियाँ, कातर यहाँ।। दनु दानवी,मुखखुर लिये। व्यभिचार पर,सु अधर सिये।। धिक्कार कर, रोती मिली। चिर नींद...
"संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · गीत · रक्त -रंजित संवेदना · विषय :- रक्त रंजित मानवीयता र