Posts Tag: मेटाफर 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कविता झा ‘गीत’ 14 May 2024 · 2 min read नज़रें! पायल छनकाती चलती, रुन झुन रुन झुन। घर आँगन में दौड़ती, बेख़ौफ़ निडर। यहाँ से वहाँ भागती, बिना डरे नाचती गाती, बिन समहे सब कह जाती, घर-आँगन में दौड़ती, और... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · नज़रें · नारी · मेटाफर 103 Share कविता झा ‘गीत’ 14 May 2024 · 2 min read चुप्पी! माँ चुप रही, एकदम चुप, जब खाना पकाते वक़्त जल गई थी, तब भी चुप ही रही, जब कपड़े सुखाते धूप में झुलस गई थी, चुप्पी तब भी थी उनके... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · चुप्पी · माँ की चुप्पी · मेटाफर 133 Share कविता झा ‘गीत’ 14 May 2024 · 2 min read हँसी! बचपन की यादों की पोटली मिली जिसमें सम्भाल कर कई क़िस्से रखे थे और रखी थी मुस्कुराहट की कई लकीरें जो चेहरे पे दिखाई देती थी कभी रखा था सम्भाल... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · झूठ हँसी · मेटाफर · रूपक · हँसी 89 Share कविता झा ‘गीत’ 14 May 2024 · 1 min read भोर के ओस! तुम भोर के ओस साँझ के छटा से मौन चुप-चाप मन में बसे धीमे से पाने जाऊँ तुमको तो वाष्पित हो गुम हो जाते। तुम वन के मोर सावन के... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · प्रेम · भोर के ओस · मेटाफर 149 Share कविता झा ‘गीत’ 14 May 2024 · 2 min read नन्ही भिखारन! सड़क किनारे रोशनी में बैठी कैसे देख रही टुकुर-टुकुर और कार आते ही लाल लाइट पर दौड़ती पूरे ज़ोर से उस कार के तरफ़ एक नन्ही भिखारन। नाम शायद उसे... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · नन्ही भिखारन · मेटाफर · रूपक 106 Share कविता झा ‘गीत’ 14 May 2024 · 1 min read मुखौटा! जैसे चाँद छुपा गहरे बादल में वैसे ही चेहरे पे चेहरा हैं यहाँ मुखौटा में छिपा कोई चेहरा मुखौटे पे मुखौटा और फ़िर एक और मुखौटा। अंदर से टूटटा इंसान... Poetry Writing Challenge-3 · 25 कविताएं · मुखौटा · मेटाफर 80 Share