Posts Tag: महिला दिवस 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid *प्रणय प्रभात* 8 Mar 2023 · 1 min read ■ आज का दोहा... #दोहा ■ मातृशक्ति के सम्मान में.... 【प्रणय प्रभात】 "शक्ति, शिवा, नारायणी तुझमें सब के अंश। सृष्टि नहीं तेरे बिना, तुझ बिन कोई न वंश।। नारायणी नमोस्तुते।। #अंतरराष्ट्रीय_महिला_दिवस_पर_विशेष Hindi · आस्था · दोहा · नारी · महिला दिवस 1 376 Share *प्रणय प्रभात* 8 Mar 2023 · 1 min read ■ लघु-कविता- #लघु_कविता- ■ नारी तू नारायणी... 【प्रणय प्रभात】 "तू छाँव में तू धूप में, हर वेश में हर रूप में। स्तुत्य है, स्वीकार है, गुण-धर्म का भंडार है। जीवन के रथ... Hindi · अभिनंदन · धर्म संस्कृति · महिला दिवस · मातृशक्ति · लघुकविता 1 354 Share Surya Barman 10 Mar 2023 · 1 min read हाँ मैं नारी हूँ सृष्टि नियंता, जग निर्मात्री, कण-कण पोषिता नारी हूँ, हाँ मैं औरत, जग कल्याणी हूँ। सृष्टि रचयिता सृष्टि पालक सृष्टि संचालक की वामाग्नि हूँ, प्रकृति मैं, शक्ति भी मैं, मैं ही... Hindi · कविता · नारी-का-सम्मान · महिला दिवस · हाँ-मै-नारी-हूँ 144 Share *प्रणय प्रभात* 8 Mar 2023 · 1 min read ■ दो सवाल... ■ दो सवाल...दो जवाब कुछ सवाल बेहद कठिन होते हैं, जिनके जवाब बेहद आसान हो सकते हैं। बशर्ते विषय को लेकर आपका आत्म-विमर्श स्पष्ट व हर तरह के आग्रह-पूर्वाग्रह से... Hindi · चिंतन · नारी · महिला दिवस · विमर्श 1 142 Share SURYA PRAKASH SHARMA 8 Mar 2024 · 1 min read नारी की स्वतंत्रता नारी गुलाम है पुरुष की , जाने कितने ही युगों से । उसके हाथ में दिखने वाली चूडिय़ां वास्तव में हैं हथकड़ियाँ। और पैरों की पायल उसकी बेड़ियाँ हैं ।... Hindi · Hindi · International Women Day · कविता · महिला दिवस 1 65 Share *प्रणय प्रभात* 8 Mar 2024 · 1 min read अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर समस्त नारी शक्ति को सादर नमन्। दिवस विशेष की हार्दिक बधाई।। English · महिला दिवस 1 68 Share ओम प्रकाश श्रीवास्तव 7 Mar 2024 · 1 min read नारी है नारायणी नारी है नारायणी,दुर्गा काली रूप। मर्यादा इसकी रखें,जनता हो या भूप। जनता हो या भूप,ध्यान सबका हीं रखतीं। करके अतिशय त्याग,सर्वहित उर से लखतीं। कहता कविवर ओम,सृष्टि रचना यह प्यारी।... Hindi · कुण्डलिया · महिला दिवस 1 73 Share Lovi Mishra 31 May 2024 · 2 min read हम क्यूं लिखें हम क्यूँ लिखे अपनी मजबूरियां, क्यूँ लिखें कि वो ध्यान नहीं रखता मेरे वजूद का हम क्यूँ लिखें कि हम मोहताज हैं, उसके और वो समझता नहीं मुझे, कुछ भी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · महिला दिवस · महिला सशक्तिकरण · सामाजिक विसंगतियां · स्त्री विमर्श 17 Share Lovi Mishra 31 May 2024 · 1 min read बेटी हूं या भूल जिस दिन मेरा जन्म हुआ तुम, फूट फूट क्यों रोई माँ क्या सपनों की माला टूटी, जो तुमने पिरोई माँ जब मैं तेरी कोख में थी , तू कितना प्यार... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · महिला दिवस · विडंबना · सामाजिक कुरीति · स्त्री विमर्श 1 12 Share