Posts Tag: मनहरण घनाक्षरी 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ramji Tiwari 7 Nov 2025 · 1 min read शुभ वर दीजिए मिटा मन अंधकार,करो जग उजियार। ज्ञानरूपी अंतस में,दीप धर दीजिए। दरिद्र-दीन इंसान,करो नाथ धनवान। अन्न धन-दौलत से,घर भर दीजिए। धरा बढ़ गया पाप,धर रूप पुनः आप। दुनिया से दानवों का,नाश... Hindi · मनहरण घनाक्षरी 63 Share Ramji Tiwari 2 Nov 2025 · 1 min read दया दृष्टि करिए राम नाम अनमोल,जो दे ज्ञान चक्षु खोल। हर दिन आठों याम, राम नाम जपिए। कृपासिन्धु सुखधाम, भक्तवत्सल श्रीराम। राम नाम अमृत को,कभी नहीं तजिए। धर चरणों में ध्यान,राम को ही... Hindi · मनहरण घनाक्षरी 37 Share Ramji Tiwari 30 Sep 2025 · 1 min read माँ कालरात्रि लेके कर में कटार, करे दैत्यों का संहार। दुष्ट पापी राक्षसों का, पीती रक्त प्याला है। काले घुँघराले बाल, क्रोध नेत्र लाल-लाल। तीव्र अट्टहास करे,उर अग्नि ज्वाला है। काला वस्त्र... Hindi · मनहरण घनाक्षरी 62 Share Godambari Negi 25 Sep 2025 · 2 min read मनहरण घनाक्षरी ‘वीर सपूत’ मातृ भूमि का सपूत, शत्रु का वो काल दूत, हाथ प्राण साथ लिए, वायु पे सवार है। विजय गीत गान है, दूर तक उड़ान है, काम हर महान... Hindi · मनहरण घनाक्षरी 71 Share Ramji Tiwari 26 Aug 2025 · 1 min read चतुर कन्हाई है ग्वाल बाल संग लेके,जबरन राह रोके। छीन दूध दधि खाए, पकड़े कलाई है। जाऊँ जब पनघट, दौड़ आता झटपट। फोड़ मटकी उदक,देता न दिखाई है। छिप तरूवर ओट,करता कंकड़ चोट।... Hindi · मनहरण घनाक्षरी 186 Share Godambari Negi 29 Jul 2025 · 1 min read हिन्दी भाषा हिन्दी भाषा मेरी प्यारी हिन्दी भाषा, भारत की परिभाषा, सबकी है अभिलाषा, खुलकर बोलिए। शब्द कोष है विशाल, स्वर व्यंजन की माल, बनी रहे खुशहाल, भर-भर तोलिए। सरल-सरस रूप, शब्द... Hindi · मनहरण घनाक्षरी 1 72 Share Ramji Tiwari 23 Jun 2025 · 1 min read भक्ति दान दीजिए वीणा वादिनी वर दे,उर ज्योति माँ धर दे। प्रीत हृदय में जगा,भक्ति दान दीजिए। दे दो सुर वीणा तान,वाणी करे गुणगान। झुके नहीं शीश कभी,ऊँची शान दीजिए। सुवासिनी,हंसासिनी,महापातक नाशिनी। द्वार... Hindi · मनहरण घनाक्षरी 116 Share Ramji Tiwari 18 Jun 2025 · 1 min read भीषण गर्मी महीना भीषण गर्मी महीना,तन से चुए पसीना, चले तेज पुरवाई, व्यथित संसार है। सूखी तरुवर डाली,बोले न कोयल काली, तप रहा तन मन,आतप अपार है। सूख गए नदी ताल,मानव का बुरा... Hindi · मनहरण घनाक्षरी 72 Share डॉ ओम प्रकाश श्रीवास्तव ओम 12 Jun 2025 · 1 min read प्रकृति का परोपकार प्रकृति हमारी नित्य,करती उत्तम कृत्य, प्राण वायु भोजन दे,परोपकार करे। त्याग सभी के ही भ्रम,मौसम रखते क्रम, ताप शीत वर्षा दे के, भोग भण्डार भरे। प्रकृति औषधि देती, रोग कई... Hindi · ओम की रचनाएँ · मनहरण घनाक्षरी 1 63 Share Ramji Tiwari 4 May 2025 · 1 min read हिन्द सेना के जवान हिन्द सेना के जवान, अतुलित बलवान। केवल हुंकार से ही,पाक डर जाएगा। बढ़ा यदि तन कोप,दाग़ सीना देंगे तोप। बस एक वार में ही,पाक मर जाएगा। उठी यदि तलवार,करेगी शत्रु... Hindi · मनहरण घनाक्षरी 84 Share Page 1 Next