Posts Tag: बहर- 121 22 121 22 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Neelam Sharma 4 Jun 2024 · 1 min read बहर- 121 22 121 22 ये दिल परिंदे सा फड़फड़ाए। क़फ़स से लेकिन निकल न पाए। सुबह ने आ कर मुझे सुलाया, हज़ार सपने मुझे दिखाए। कि रुख हवा का जा रोको कोई, अँधेरी शब... Hindi · ग़ज़ल · बहर- 121 22 121 22 94 Share