Posts Tag: बस्तियाँ सँभावना आत्मसमर्पण 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Rajeev Jain 22 May 2024 · 1 min read साकार आकार कुछ नहीं बेमक़सद यहाँ हर चीज़ का मक़सद यहाँ ले जाना ही जब कुछ नहीं क्या खोना क्या पाना यहाँ बात अब पहले जैसी रही नहीं क्या रूठना क्या मनाना... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · बस्तियाँ सँभावना आत्मसमर्पण 59 Share