*पागलपन है चाकू-छुरियाँ, दंगा और फसाद( हिंदी गजल/गीतिका)*
*पागलपन है चाकू-छुरियाँ, दंगा और फसाद( हिंदी गजल/गीतिका)* """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""" (1) पागलपन है चाकू-छुरियाँ, दंगा और फसाद सबसे घातक मजहब की, कट्टरता का उन्माद .2 वहशीपन की आँधी चलती, भीतर ही...
Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · धर्मनिरपेक्षता