Posts Tag: दिसम्बर पर गज़ल 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid बिमल तिवारी “आत्मबोध” 26 Dec 2022 · 1 min read दिसंबर माह दिसंबर बदन में जगने लगे है सिहूरन कुछ बर्फीली हवाओं से लगने लगे हैं ठिठुरन कुछ धीरे धीरे बदन पर चढने लगा है वसन का तह जेसे जालिम आज़ादी... Hindi · दिसंबर · दिसम्बर पर कविता · दिसम्बर पर गज़ल 221 Share