Posts Tag: छंद गंगोदक वाचिक 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid surenderpal vaidya 22 Dec 2024 · 1 min read अकेली रही जिन्दगी गीतिका ~~~~ स्वप्न देखे मगर साथ मिलता नहीं, आज फिर क्यों अकेली रही जिन्दगी। मुस्कुराती रही देख कर हाल अब, थी कभी खूब खेली रही जिन्दगी। चाहते हैं सभी फूल... गीतिका · छंद गंगोदक वाचिक 1 1 9 Share