Tag: ग़ज़ल
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सोना और चांदी हैं, कलंदर,तेरी आंखें। मशरूब की मस्ती हैं,समंदर तेरी आंखें।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
दिल की रहगुजर
Dr Mukesh 'Aseemit'
"इक ग़ज़ल इश्क़ के नाम करता हूँ"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"दिलों को आजमाता है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"जब भी ये दिल हताश होता है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
KAMAAL HAI YE HUSN KI TAKAT
Sarv Manglam Information technology
आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है
डी. के. निवातिया
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुहब्बत नहीं है आज
Tariq Azeem Tanha
गजल ए महक
Dr Mukesh 'Aseemit'
है हर इक ख्वाब वाबस्ता उसी से,
Kalamkash
यार नहीं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
"महफिल में रौनक की कमी सी है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
नई ज़िंदगी
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल के फ़साने -ग़ज़ल
Dr Mukesh 'Aseemit'
"दिल को आजमाना चाहता हूँ"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"सादगी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
**ग़ज़ल: पापा के नाम**
Dr Mukesh 'Aseemit'
नहीं मैं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
*तेरी याद*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बीती बिसरी
Dr. Rajeev Jain
" कैसा हूँ "
Dr Mukesh 'Aseemit'
कभी ग़म से कभी खुशी से मालामाल है
shabina. Naaz
आज़ादी की शर्त
Dr. Rajeev Jain
जीवन की रंगीनियत
Dr Mukesh 'Aseemit'
कहां कहां ढूंढू तुझे मैं गज़लों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जज्बात की बात -गजल रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
"मुगालता बड़ा उसने पाला है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
हाल- ए- दिल
Dr fauzia Naseem shad
**"कोई गिला नहीं "
Dr Mukesh 'Aseemit'
चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर)
Vinit kumar
"सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं ....
Atul "Krishn"
*कागज पर जिंदगी*
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बिखरे हुए सपने हैं मेरे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बस तुझे अब दुआओं में मांगा करते हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी का जंग
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
लोकतंत्र के प्रहरी
Dr Mukesh 'Aseemit'
उस बेवफ़ा से क्या कहूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नंबर पुराना चल रहा है नई ग़ज़ल Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
बिखरा
Dr.Pratibha Prakash
तुम,दर-दर से पूछ लो
Inder Bhole Nath
बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन
Neelam Sharma
बहर- 121 22 121 22
Neelam Sharma
वज़्न -- 2122 1122 1122 22(112) अर्कान -- फ़ाइलातुन - फ़इलातुन - फ़इलातुन - फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया -- [‘आना ' की बंदिश] रदीफ़ -- भी बुरा लगता है
Neelam Sharma
महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"अंधेरों को बढ़ाया जा रहा है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
ग़ज़ल
Seema Garg
"वो प्रेमिका बन जाती है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"