Posts Tag: कुंडलिनी छंद 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read प्यासा के कुंडलियां (दारू -मदिरा) विजय कुमार पाण्डेय 'प्यासा' दारू-मदिरा से सुनो,कभी न बनते काम। धीरे -धीरे हे सखे,बिगड़े जाते नाम ।। बिगड़े जाते नाम, स्वास्थ्य गिरते ही जाते। घर समाज सब जगह, मुफ्त में हँसी उड़ाते ।। 'प्यासा'लत... Hindi · कुंडलिनी छंद 165 Share Vijay kumar Pandey 15 Jun 2024 · 1 min read 'प्यासा'कुंडलिया(Vijay Kumar Pandey' pyasa' एक कुंडलियां छंद- गजब आज है मित्रता,सब पैसों का खेल। पैसे ना हों पास तो, हुईं मित्रता फेल ।। हुईं मित्रता फेल , किसी के फोन न आते । अगल... कुंडलिनी छंद 161 Share Vijay kumar Pandey 12 Jun 2024 · 1 min read दौलत -दौलत ना करें (प्यासा के कुंडलियां) दौलत दौलत ना करें,तज मानवता धर्म। जाते दौलत संग ना, जाते हैं बस कर्म। जातें हैं बस कर्म, छणिक दौलत की माया। जिसके जैसे कर्म, जियत जग में सुख पाया।।... Hindi · कुंडलिनी छंद 180 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 2 Jun 2023 · 1 min read कुंडलिनी छंद पावन होता है जहाँ ,रिश्तों का अनुबंध। भावों से आती वहाँ ,सात्विकता की गंध। सात्विकता की गंध,सदा होती मनभावन। रहती विषय विरक्ति,प्रीत यदि होती पावन।। आकर हो जाए खड़ी ,विपदा... Hindi · कुंडलिनी छंद 333 Share