Posts Tag: काला 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid गुप्तरत्न 27 May 2023 · 1 min read सुकूं आता है,नहीं मुझको अब है संभलना ll बहुत हुआ,गुज़रे वक़्त से है निकलना , कैद ख्यालों की , तोड़कर है निकलना ll कभी कहाँ बिगड़ी रंगों पर तबियत मेरी , फितरत है,काले रंग पर ही है मचलना... Poetry Writing Challenge · Hindi Poetry · कविता · काला · गुप्तरत्न · वक्त 381 Share