ज़िन्दगी के निशां
यहाँ ज़िन्दगी की धड़कनें थम सी गई हैं, चलो, दूसरे घर नहीं, तीसरे घर चलते हैं, कहीं तो ज़िन्दगी में साँसें मौजूद हीहोंगी, कि कहीं तो ज़िन्दादिली ही वजूदमें होगी।...
Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहर · ख़्वाहिशें · ज़िन्दगी · ज़िन्दादिली