Posts Tag: इंसानियत 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sûrëkhâ 16 May 2024 · 2 min read चलो दो हाथ एक कर ले चलो दो हाथ एक कर ले आज फिर किसी का साथ कर ले मुनासिब नही की वो साथ चल पायेगा!मगर जरा सी तुम पहल कर दो शुरू ;शायद! वो चला... Poetry Writing Challenge-3 · इंसानियत · तुम-मेरा-साथ-दो · साथ और प्यार · साथी 1 22 Share Sûrëkhâ 10 May 2024 · 1 min read जिंदगी के कुछ कड़वे सच जिंदगी के कुछ कड़वे सच जिंदगी में कभी भी किसी को बेकार मत समझो क्योंकि बंद घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती है । किसी की बुराई... Poetry Writing Challenge-3 · इंसानियत · कविता · कुछ कड़वे कुछ मीठे पल · जिंदगी का सच 1 34 Share कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ 23 Feb 2024 · 1 min read इस तरह मुझसे नज़रें चुराया न किजिए। इस तरह हमसे नजरें, चुराया न किजिए, मेरी खता को हमसे, सुझाया भी किजिए।१। होंगे हजारों आपके, अपने यहां मगर, गैरों कि तरह हमको यूॅं ,ठुकराया न किजिए।२। उल्फत कि... Hindi · इंसानियत 1 67 Share Mukesh Kumar Sonkar 13 Jul 2023 · 1 min read किसकी किसकी कैसी फितरत "फितरत" किसकी किसकी है कैसी फितरत, ये उसका स्वभाव बताता है।। किसी के हृदय में गैरों के लिए भी अपनत्व, कोई अपनों से भी बैर जताता है।। किसी की कौवे... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · Behaviour · Humanity · इंसानियत · कविता · स्वभाव 5 2 200 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read निकाल देते हैं *निकाल देते हैं* रिश्तों का संतुलित अनुपात निकाल देते थे। प्यार से नफ़रत की औकात निकाल देते थे।। जिस तरह निकाल देते हैं दालों से पत्थर- पुराने लोग बिगड़ी हुई... Poetry Writing Challenge · इंसानियत · कविता · प्रेम में अखरना · रिश्तो में उदारता · साहित्यपीडिया 6 2 137 Share Sûrëkhâ 15 Jun 2023 · 1 min read *जिंदगी के कुछ कड़वे सच* *जिंदगी के कुछ कड़वे सच* जिंदगी में कभी भी किसी को बेकार मत समझो क्योंकि बंद घड़ी भी दिन में दो बार सही समय बताती है । किसी की बुराई... Poetry Writing Challenge · इंसानियत · कविता · जिंदगी का सच · जिंदगी-दो-पल-की · ये जिंदगी 5 1 548 Share