Posts Tag: आध्यात्मिक हिंदी गजल/ गीतिका 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Kavita Chouhan 21 Sep 2024 · 1 min read सोलह श्राद्ध ****सोलह श्राद्ध**** सोलह दिन यह पावन कितने आते धरा पर हमारे अपने जलांजलि दे क्षुधा पूर्ण करें पिंडदान, श्राद्ध संपूर्ण करें परलोक से पूर्वज पधारे कभी जो थे मध्य हमारे... Hindi · आध्यात्मिक हिंदी गजल/ गीतिका · कविता · ग़ज़ल/गीतिका · श्राद्धकर्म · सहित्यपिडिया 72 Share *प्रणय* 25 Jul 2024 · 1 min read *ग़ज़lवतरण* #हिंदी_ग़ज़ल- ■ समय का चारण।। 【प्रणय प्रभात】 - कोई कारण। नहीं अकारण।। - जो मारण है, वो ही तारण।। - जीवन क्या है? सांसों का रण।। - शक्ति शब्द की,... Hindi · आध्यात्मिक हिंदी गजल/ गीतिका · प्रणय की ग़ज़ल 1 112 Share Anup kanheri 1 Apr 2024 · 1 min read मैं कौन हूं सावन की पहली बरसात हूं अमावस्या की काली रात हूं अंत काल की अंत बात हूं एक छोटी सी शूरूवात हू कलम की आवाज ,होंठ रखता अपने मौन हूं कोई... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · आध्यात्मिक हिंदी गजल/ गीतिका · कविता · सत्य कथा 2 118 Share Mahesh Jain 'Jyoti' 20 Oct 2023 · 1 min read गीतिका गीतिका -23 --------- * जिन्दगी * जिन्दगी उम्र को खाती है बडी होती है । वक्त के बोझ को सिर पर उठाये ढोती है ।। बोझ बढता है कि बढता... Poetry Writing Challenge · आध्यात्मिक हिंदी गजल/ गीतिका 140 Share जगदीश शर्मा सहज 24 Sep 2023 · 1 min read गीतिका पूजा तथा रसोई में अब शुद्धता कहाँ, पावन पुनीत वस्तु की उपलब्धता कहाँ। खाद्यान्न और नीर में अवशिष्ट घुल गया, मिष्ठान्न और दूध में संबद्धता कहाँ। बूँदें बरस उठी कहीं... Hindi · आध्यात्मिक हिंदी गजल/ गीतिका 1 282 Share चक्षिमा भारद्वाज"खुशी" 30 May 2023 · 1 min read स्वयं आएगा जबतक तू मुसाफिर रहेगा रास्ता रब दिखाएगा, अगर सीखने की नियत होगी तेरी, ईश्वर तुझे उत्तम बनाएगा, ज्यों तुझे अभिमान इस बुद्धि पर होगा, तेरा विवेक ही तुझे धरातल में... Hindi · Krishna · आध्यात्मिक हिंदी गजल/ गीतिका · कविता · गीत · लघुकविता 1 581 Share *प्रणय* 16 Mar 2023 · 1 min read ■ आज का दोहा #आज_का_दोहा जगतगुरु शंकराचार्य के अद्वैत दर्शन का सीधा-सरल सार संक्षेपण। 【प्रणय प्रभात】 Hindi · आध्यात्मिक हिंदी गजल/ गीतिका · दोहा · धर्म · धर्म संस्कृति 2 395 Share *प्रणय* 7 Mar 2023 · 1 min read ■ परिभाषा... ■ चिंतन- निराकार में साकार, सगुण में निर्गुण, जड़ में चेतन, जीव में जगत और जगत में परमात्मा देखना ही अद्वैतवाद है, जो हर विवाद का हल है। पहल साहसिक... Hindi · आध्यात्मिक हिंदी गजल/ गीतिका · चिंतन · जीवन दर्शन · सुविचार 1 474 Share