अश्क तन्हाई उदासी रह गई - संदीप ठाकुर
अश्क तन्हाई उदासी रह गई उन दिनों की याद बाक़ी रह गई मोड़ पे वो आँख से ओझल हुआ बे-क़रारी राह तकती रह गई तितली की परवाज़ कैसे देखता आँख...
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