सिर्फ लिखती नही कविता,कलम को कागज़ पर चलाने के लिए //
अर्जुन की तरह सोच मैं डूबी थी, सामने अपने है,तरकश से तीर निकालूं कैसे चलाने के लिए// युद्ध तो लड़ना ही होगा, श्रीकृष्ण बनकर तुम ही आये थे समझाने के...
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