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Tag: मुक्तक
11k posts
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
कहीं से गुलशन तो कहीं से रौशनी आई
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम
प्रेम
Dinesh Kumar Gangwar
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कर्बला में जां देके
कर्बला में जां देके
shabina. Naaz
**कविता: आम आदमी की कहानी**
**कविता: आम आदमी की कहानी**
Dr Mukesh 'Aseemit'
ईश्वर शरण सिंघल मुक्तक
ईश्वर शरण सिंघल मुक्तक
Ravi Prakash
धवल दीक्षित (मुक्तक)
धवल दीक्षित (मुक्तक)
Ravi Prakash
पंकज दर्पण अग्रवाल
पंकज दर्पण अग्रवाल
Ravi Prakash
वक़्त
वक़्त
Dinesh Kumar Gangwar
नहीं टिकाऊ यहाँ है कुछ भी...
नहीं टिकाऊ यहाँ है कुछ भी...
आकाश महेशपुरी
समय के आ मुसीबत के...
समय के आ मुसीबत के...
आकाश महेशपुरी
मुक्तक
मुक्तक
Suryakant Dwivedi
चार मुक्तक
चार मुक्तक
Suryakant Dwivedi
मेरी एक जड़ काटकर मुझे उखाड़ नही पाओगे
मेरी एक जड़ काटकर मुझे उखाड़ नही पाओगे
Harinarayan Tanha
सोच...….🤔
सोच...….🤔
Vivek Sharma Visha
ठाट-बाट
ठाट-बाट
surenderpal vaidya
सांप पालतू भी हो, तो डंसना नही छोड़ेगा
सांप पालतू भी हो, तो डंसना नही छोड़ेगा
Harinarayan Tanha
छल फरेब
छल फरेब
surenderpal vaidya
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
फर्जी /कुण्डलियां
फर्जी /कुण्डलियां
Rajesh Kumar Kaurav
श्रीराम
श्रीराम
नवीन जोशी 'नवल'
धर्मदण्ड
धर्मदण्ड
नवीन जोशी 'नवल'
स्वाभिमान
स्वाभिमान
नवीन जोशी 'नवल'
कलम
कलम
नवीन जोशी 'नवल'
वंचित है
वंचित है
surenderpal vaidya
& I lost my UPSc ka admit card
& I lost my UPSc ka admit card
Shikha Mishra
भयावह होता है अकेला होना
भयावह होता है अकेला होना
Shikha Mishra
माँ
माँ
Shikha Mishra
गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है।
गर मनपसंद साथ ना मिले तो तन्हाई रास आ ही जाती है।
Shikha Mishra
बुरे नहीं है हम
बुरे नहीं है हम
Shikha Mishra
बड़ी बेतुकी सी ज़िन्दगी हम जिये जा रहे हैं,
बड़ी बेतुकी सी ज़िन्दगी हम जिये जा रहे हैं,
Shikha Mishra
ऐ ढ़लती हुई शाम,
ऐ ढ़लती हुई शाम,
Shikha Mishra
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
Lovi Mishra
नए साल का सपना
नए साल का सपना
Lovi Mishra
शुकून भरा पल
शुकून भरा पल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
UPSC और तुम
UPSC और तुम
Shikha Mishra
देवियाँ
देवियाँ
Shikha Mishra
नियति
नियति
surenderpal vaidya
मां
मां
Lovi Mishra
नववर्ष का नव उल्लास
नववर्ष का नव उल्लास
Lovi Mishra
बीतते साल
बीतते साल
Lovi Mishra
धूल-मिट्टी
धूल-मिट्टी
Lovi Mishra
पसीने वाली गाड़ी
पसीने वाली गाड़ी
Lovi Mishra
सच की माया
सच की माया
Lovi Mishra
रास्तों के पत्थर
रास्तों के पत्थर
Lovi Mishra
माँ।
माँ।
Dr Archana Gupta
अतिथि
अतिथि
surenderpal vaidya
यत्र तत्र सर्वत्र हो
यत्र तत्र सर्वत्र हो
Dr.Pratibha Prakash
मेरे कृष्ण की माय आपर
मेरे कृष्ण की माय आपर
Neeraj Mishra " नीर "
सागर की लहरों
सागर की लहरों
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
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