Posts Tag: ग़ज़ल 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 7 Next Sumangal Singh Sikarwar 29 May 2024 · 1 min read ये जिंदगी कभी खुशी कभी गम अजीब सी ये लगती है न जाने क्यूं ये जिंदगी एक पहेली सी लगती है | सब कुछ भी पाकर ख़ाव अधूरा सा रहता है मिले... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 69 Share Yash Tanha Shayar Hu 28 May 2024 · 1 min read दिल-ए-मज़बूर । दिल-ए-मज़बूर । दिल-ए-मज़बूर दास्तान-ए-इश्क़ लेकर जाएं कहाँ ? हम अपने रुतबे को और तुमको अब छुपाये कहाँ ? शमा से जलकर गिरी है, जो जुगनुओं की अस्थियां उन अस्थियों को... Hindi · Shayri · Urdu Poetry · Urduadab · कविता · ग़ज़ल 1 114 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं आपके प्यार का हिज्र दर्दनाक है, दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं!! हर साँस पे अब बिछड़ने का ग़म पलता है, अमन की राह में नई बारिश का इंतज़ार... Hindi · ग़ज़ल 58 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read इश्क़ का ख़याल मुहब्बत की आग में जलने का अद्भुत अहसास, इक नये अनुभव, इक नये इश्क़ का ख़याल है!! दिल में उम्मीद की दीपक थमी है जगमगाते, जैसे तारे खो गए हैं,... Hindi · ग़ज़ल 40 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read जब चांदनी रातों में आहट उठाती है जब चांदनी रातों में आहट उठाती है, बस दिलों के चिराग़ जगमगाती हैं!! चांद सा चेहरा अगर दिख जाए तो, हर दिल में ख्वाहिशें बढ़ जाती हैं!! चांदनी की कई... Hindi · ग़ज़ल 62 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read चाँदनी रात चाँदनी रात में अब चाँद निकल आया है, सबके दिलों को अपने गाने संग भाया है!! सूरज, चाँद, तारे भी यहाँ आ कर गिर पड़े, सबके दिल में प्यार का... Hindi · ग़ज़ल 43 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read मेरा दिल भर आया बहुत सा चांद के हुस्न को जब देखा, मेरा दिल भर आया बहुत सा!! मदहोश होकर उठे तारे भी, ख़ूबसूरती में वो चांद से कम नहीं!! कितनी प्यारी है शबनमी रात यहाँ,... Hindi · ग़ज़ल 47 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read जुगनू और आंसू: ज़िंदगी के दो नए अल्फाज़ जुगनू रात में उड़ा करते हैं, आंसू वादियों में बह जाते हैं!! जुगनू चमकते हैं अंधियारे में, आंसू दर्द की कहानी सुनाते हैं!! जुगनू संगीत सुनाते हैं रातों में, आंसू... Hindi · ग़ज़ल 66 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read इश्क़-ए-जज़्बात तारीफ़ करने के लिए, और क्या बात हो सकती है, आपकी आँखों में छिपी हुई इश्क़-ए-जज़्बात हो सकती है!! वो सपने, वो आरज़ूएं, जो कह जाती हैं ख़ुद ही बातें,... Hindi · ग़ज़ल 55 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read "उमंग तरंग हो मन का मेरे, हर सुख का आभास हो" उमंग तरंग हो मन का मेरे, हर सुख का आभास हो, मीठी सी धूप लाने वाला, मेरे जीवन का प्रभात हो!! चंचलता तेरी लहर नदी सी चलती जैसे सांस हो,... Hindi · ग़ज़ल 74 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 28 May 2024 · 1 min read दिल दिल थाम के बैठे है यूं सरेराह हम, तेरी यादें जहन से बोझल हो चली हो!! क्या बताएं, बताने को बचा ही क्या है, सामने हो, मगर नज़र से ओझल... Hindi · ग़ज़ल 1 57 Share Kalamkash 28 May 2024 · 1 min read ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही, ज़ौक-ए-हयात में मिला है क्यों विसाल ही, ये गर्दिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ? ना हो रहा खलल है ज़माना भी इश्क में, ये बंदिशें बता भला जाएँगी अब कहाँ? Hindi · Hindi Urdu · Urdu Poetry · Urduadab · Urduhindipoetryghazal · ग़ज़ल 1 97 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read खत लो फिर किसी की बात किसी तक पहुंच गई यूं लगा कि किसी की आरजू पूरी हो गई | वो तो गुदगुदा गए मन ही मन अनंत कि उनकी निगाह... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 59 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read रात नहीं कहता कोई किसी से हर बात नही कहता अपने दिल के हर जज़्बात नहीं कहता | कभी कुछ तो कभी कुछ छुपाता है दिन तो कहता है मगर रात नहीं कहता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 56 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read रुख बदल गया अधखिली सी धूप को स्याह अंधेरा बदल गया सूरज निकलते निकलते अपना रुख बदल गया | बड़ी आस थी कि धूप निकल आएगी दुख की छांव को अलविदा कह जायेगी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · गीत · गीतिका 63 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read मेरी सूरत हो तुम इस कदर मेरे ख्यालों में हो मेरे दिन और मेरी रातों में हो कि जैसे तुम इक नदिया हो मेरे पल पल में तुम बहती हो तुम इस कदर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · गीत · गीतिका 56 Share Sumangal Singh Sikarwar 28 May 2024 · 1 min read माँ ठिठुरती ठंड में निठुरती अंध में चूल्हे पर तवे चिमटे हाथ सिमटे... आग की लपटों से बचती, रोटियां सेंकती माँ | बरतनों का ढेर देर सबेर बच्चो का शोर क्रोध... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 1 89 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read प्यार एक मीठा अहसास है प्यार एक मीठा अहसास है जीवन की प्यास है कृष्ण की बंसी है प्यार राधा की आस है | प्यार एक मीठा अहसास है जीवन की आस हैं | मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 119 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 27 May 2024 · 1 min read कागज कोरा, बेरंग तस्वीर कागज कोरा बेरंग तस्वीर बिना धुन राग अगेय सा गीत कोई न साथ बाकी है परछाई कोई शिकवा गिला न अच्छाई बुराई जली तस्वीर रंग हुए राख सुलग रहा मर्म... Hindi · ग़ज़ल 91 Share भरत कुमार सोलंकी 27 May 2024 · 1 min read जिंदगी को बोझ मान जिन्दगी ने हमें निकम्मा बना दिया अन्धेरी चाहत ने हमें शम्मा बना दिया बोझ जिन्दगी का उठाये फिर रहा हूँ प्रतीक्षा की अंगार पर खुद को रख आज राख बना... Hindi · ग़ज़ल 71 Share हरवंश हृदय 27 May 2024 · 1 min read जरूरी तो नहीं - हरवंश हृदय जरूरी तो नहीं ************* इश्क हो फिर जुदाई हो जरूरी तो नहीं हमने भी चोट खाई हो जरूरी तो नहीं उनकी खुशी के खातिर हम दूर हो गए रिश्ते में... Hindi · ग़ज़ल · हरवंश श्रीवास्तव · हरवंश हृदय 1 126 Share krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर 27 May 2024 · 1 min read बचाओं नीर #बचाओ नीर जब जब देखते हैं__________ लोगों को व्यर्थ बहाते नीर। तब तब सामने आती है_______ बर्बादी की तस्वीर।। भविष्य सोच सोच के_______ आगे लगता है गंभीर। जितनी जरूरत उतना... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल · गीत · लघु कथा 143 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read दिल तो पत्थर सा है मेरी जां का 1) मैं नहीं सबका है यही कहना इश्क़ सच्चा कभी नहीं मरता 2)ऐ हवा कुछ बता पता उसका वो कहीं तो तुझे मिला होगा 3)जोड़ता है दिलों के बंधन जो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 112 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read वो इश्क़ अपना छुपा रहा था 1) वो इश्क़ अपना छुपा रहा था मिला के नज़रें चुरा रहा था 2)धुआं ये सबको बता रहा था शहर कोई तो जला रहा था 3) वो गीत उल्फ़त के... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 108 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read याद मीरा को रही बस श्याम की 1)धड़कनों में ज़लज़ले भी ख़ूब थे उन दिनों के रतजगे भी ख़ूब थे 2)याद मीरा को रही बस श्याम की बालपन के फलसफ़े भी ख़ूब थे 3)पी गई विष को... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 133 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read मुझे मुहब्बत सिखाते जाते 1)मुझे मुहब्बत सिखाते जाते वफ़ा का रस्ता दिखाते जाते 2)सुनो ज़रा तुम क़रीब आओ ये कह के हमको जिलाते जाते 3)हैं रो के काटी तुम्हारे बिन जो मेरी वो रातें... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 121 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read तू ही मेरा रहनुमा है 1)तू ही मेरा रहनुमा है तू ही मंज़िल का पता है 2)इन फिज़ाओं ने भी चुपके से कहा तू ही मिरा है 3)मख़मली हाथों में तेरे नाम मेरा ही लिखा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 94 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read आस्मां से ज़मीं तक मुहब्बत रहे 1)आस्मां से ज़मीं तक मुहोबत रहे ए ख़ुदा सब पे तेरी इनायत रहे 2)आपका हर सितम हंस के सह लेंगे हम कुछ तो हो दरमियाॅं चाहे नफ़रत रहे 3)आए तूफां... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 2 126 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read ख़ुश रहना है 1)मेरी बेताब धड़कन और मेरी हसरत समझने को तुम्हारी इक नज़र काफ़ी है मेरा हाल पढ़ने को 2)तुम्हारी एक आहट पर ही हम बेचैन रहते हैं और उस पर ज़ुल्म... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 121 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read इक ज़मीं हो 1)दिल के वीराने में दीपक आस का हम सब जलाएं दूर कर दें हर उदासी जुगनुओं से घर सजाएं 2)रूठ बैठे हम से जो पल आओ हम मिलकर मनाएं इन... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 1 98 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read तुम्हीं रस्ता तुम्हीं मंज़िल 1)सनम तुमसे ये पर्दा क्यूं करें हम मुहोबत को यूं रुसवा क्यूं करें हम 2)शिक़ायत और ये शिक़वा क्यूं करें हम वो जाता है तो रोका क्यूं करें हम 3)ज़माने... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 92 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read तमन्ना है बस तुझको देखूॅं 1)हसीं ज़िन्दगानी रही है सदा गुनगुनाती रही है 2)तमन्ना है बस तुझको देखूं नज़र कबसे प्यासी रही है 3)कसक है जुदाई की दिल में तेरे बिन उदासी रही है 4)तुम्हारी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 95 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read मुबारक़ हो तुम्हें ये दिन सुहाना 1)मुबारक़ हो तुम्हें ये दिन सुहाना मुहब्बत का लबों पर हो तराना 2) रहे हर दम बहारों का ज़माना गुलों के साथ महके आशियाना 3)नज़र में दीद की हसरत छिपाकर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 96 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read जिसके हर खेल निराले हैं 1) इक नूर से दुनिया में हर सिम्त उजाले हैं ये शम्स-ओ-क़मर तारे सब उसके हवाले हैं 2)वो अक़्ल से बाहर है और इश्क़ के अन्दर है जानें उसे क्या... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 82 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read शिक़ायत नहीं है 1)शिक़ायत नहीं है मुझे अब सफ़र से मुसाफ़िर हूं डरती नहीं रह-गुज़र से 2)संवरने लगी हूं ख़यालों से उसके वो अंजान है मुझपे अपने असर से 3)सिसकती रही ज़िन्दगी रात... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 3 2 119 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read दुनिया से ख़ाली हाथ सिकंदर चला गया 1)ये बात इक फ़क़ीर भी कह कर चला गया दुनिया से ख़ाली हाथ सिकन्दर चला गया 2)पल भर में आशिक़ी का वो मंज़र चला गया होकर ख़फ़ा जो मुझसे सितमगर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 110 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read रस्म ए उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला 1)रस्म-ए-उल्फ़त में वफ़ाओं का सिला देता है , रूठकर मुझको वो हर बार सज़ा देता है 2)अब तमन्ना ही नहीं दिल में मेरे जीने की मर भी जाऊँ तो भला... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 98 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read मैं रूठूं तो मनाना जानता है 1)मैं रूठूं तो मनाना जानता है वो मुझको मुझसे ज़्यादा जानता है 2)ज़रा सी ही तो है ये ज़िन्दगानी वो ख़ुश है जो के हॅंसना जानता है 3)मुहब्बत का है... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 86 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे 1) ज़ख़्म-ए-दिल आज मुस्कुरा देंगे इस तरह उनको हम दुआ देंगे 2) जाने वाला भले सुने ना मगर आख़िरी साॅंस तक सदा देंगे 3)वो नज़र भर के देख लेंगे तो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 81 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read बोल दे जो बोलना है 1)बोल दे जो बोलना है और लगा इल्ज़ाम भी दर्दे ग़म देकर जुदाई का पिला दे जाम भी 2)इक नज़र गर देख लोगे हम तो मर ही जाएंगे थाम कर... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल 1 1 90 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read न मुझको दग़ा देना 1)वीरान अंधेरे हों तुम मुझको सदा देना हर हाल में आऊँगी आवाज़ लगा देना 2)बर्बाद मुहब्बत की हर शय को भुला देना तडपाएं अगर यादें कुछ अश्क़ बहा देना 3)मैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 2 92 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read मेरे दिल ओ जां में समाते जाते 1)मेरी बेचैन सी धड़कन को मनाते जाते हमनफ़स मेरे दिलों जां में समाते जाते 2)दास्तां हम भी अगर अपनी सुनाते जाते तुमको पाबंद मोहब्बत का बनाते जाते 3)ख़्वाब की तुमने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 115 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read तक़दीर का ही खेल 1)कहीं है सुख की शहनाई कहीं दुख घिर के आया है ये दुनिया है यहाॅं तक़दीर का ही खेल सारा है 2)यहाॅं के मंच पर किरदार अपने सब निभाते हैं... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 105 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं 1)वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं वो पल जो रो के गुज़ारे कहाॅं समझते हैं 2)मैं इंतज़ार में जगती रही हूं रातों को ये आस्मां के सितारे कहाॅं समझते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 121 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read राज़ बता कर जाते ) जाते जाते कोई तस्कीन दिला कर जाते दिल के वीरान से गुलशन को खिला कर जाते 2)गुनगुनाए थे जो चाहत में मिरे साथ कभी गीत फिर से वही इक... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 4 2 122 Share Monika Arora 27 May 2024 · 1 min read फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए 1)खो गई जो कहीं वो हॅंसी चाहिए फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए 2)फूल हर रॅंग के गुलसिताॅं में खिलें ख़ुश्बूएं सबकी फिर बाहमी चाहिए 3)दूर हों फ़ासले बैर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 112 Share Neeraj Mishra " नीर " 27 May 2024 · 1 min read कहर कुदरत का जारी है गर्म हवाओं का कहते है कहर चल रहा है लुटेरे बन यहाँ लुटे गए जंगल ,कहर कुदरत का जारी है काँटे पेड़ यहाँ बनाए आशियान-ए-जहा तूने जल रहे है आशियान-ए-जहा... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · संस्मरण 98 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read ऐसी तो कोई जिद न थी मुझको ऐसी उम्मीद न थी ऐसी तो कोई जिद न थी | थी एक छोटी सी गुदगुदी भी तुम्हे हंसाने की कोशिश भी मेरे मन में कोई खोट न थी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · गीतिका 85 Share Sumangal Singh Sikarwar 27 May 2024 · 1 min read चेहरा चेहरा.. न जाने कब..कैसे ... अपनी मोहक छवि का परिचय देता कितनी ही आंखों का आकर्षण बन जाता है न जाने कब कैसे .. उन अपरिचित....अनभिज्ञ सी आंखों की पहली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · दोहा 2 75 Share डॉ. शशांक शर्मा "रईस" 26 May 2024 · 1 min read धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा धीरे-धीरे सब ठीक नहीं सब ख़त्म हो जाएगा, जीवन जहां पर रुका, वहीं से शुरू हो जाएगा!! ना तुमको हमराह ज़रूरत होगी हमसफ़र की, ना हमको कोई तलब होगी किसी... Hindi · ग़ज़ल 49 Share Previous Page 7 Next