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Tag: ग़ज़ल/गीतिका
15k posts
"पनघट की गोरी"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
पहली बारिश मेरे शहर की-
पहली बारिश मेरे शहर की-
Dr Mukesh 'Aseemit'
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
Taj Mohammad
हिन्दी ग़ज़ल
हिन्दी ग़ज़ल " जुस्तजू"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है
आँखों में मुहब्बत दिखाई देती है
डी. के. निवातिया
मुहब्बत नहीं है आज
मुहब्बत नहीं है आज
Tariq Azeem Tanha
यार नहीं -गजल
यार नहीं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
दिल के फ़साने -ग़ज़ल
दिल के फ़साने -ग़ज़ल
Dr Mukesh 'Aseemit'
**ग़ज़ल: पापा के नाम**
**ग़ज़ल: पापा के नाम**
Dr Mukesh 'Aseemit'
एक पल को न सुकून है दिल को।
एक पल को न सुकून है दिल को।
Taj Mohammad
नेता जी
नेता जी "गीतिका"
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
कान्हा को समर्पित गीतिका
कान्हा को समर्पित गीतिका "मोर पखा सर पर सजे"
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
नहीं कोई धरम उनका
नहीं कोई धरम उनका
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
स्वयं को संत कहते हैं,किया धन खूब संचित है। बने रहबर वो' दुनिया के
स्वयं को संत कहते हैं,किया धन खूब संचित है। बने रहबर वो' दुनिया के
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती।
आस्था विश्वास पर ही, यह टिकी है दोस्ती।
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
नहीं मैं -गजल
नहीं मैं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
कितना दर्द सिमट कर।
कितना दर्द सिमट कर।
Taj Mohammad
जीवन की रंगीनियत
जीवन की रंगीनियत
Dr Mukesh 'Aseemit'
प्रेम।की दुनिया
प्रेम।की दुनिया
भरत कुमार सोलंकी
जज्बात की बात -गजल रचना
जज्बात की बात -गजल रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
ख़्वाहिशें
ख़्वाहिशें
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
​चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू
​चाय के प्याले के साथ - तुम्हारे आने के इंतज़ार का होता है सिलसिला शुरू
Atul "Krishn"
मेरी भी सुनो
मेरी भी सुनो
भरत कुमार सोलंकी
बेटियां।
बेटियां।
Taj Mohammad
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️
महफिले लूट गया शोर शराबे के बगैर। कर गया सबको ही माइल वह तमाशे के बगैर। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सरस्वती वंदना
सरस्वती वंदना
Shikha Mishra
खुद को पागल मान रहा हु
खुद को पागल मान रहा हु
भरत कुमार सोलंकी
सियासी वक़्त
सियासी वक़्त
Shikha Mishra
लो फिर बसंत आया
लो फिर बसंत आया
Sumangal Singh Sikarwar
न जाने किसकी कमी है
न जाने किसकी कमी है
Sumangal Singh Sikarwar
अतीत याद आता है
अतीत याद आता है
Sumangal Singh Sikarwar
जानेमन नहीं होती
जानेमन नहीं होती
Sumangal Singh Sikarwar
बदला हूं मैं
बदला हूं मैं
Sumangal Singh Sikarwar
कविता
कविता
Sumangal Singh Sikarwar
पलक
पलक
Sumangal Singh Sikarwar
मौसम
मौसम
Sumangal Singh Sikarwar
आवाज
आवाज
Sumangal Singh Sikarwar
इशारा
इशारा
Sumangal Singh Sikarwar
वो चेहरा
वो चेहरा
Sumangal Singh Sikarwar
आंगन
आंगन
Sumangal Singh Sikarwar
हर जमीं का आसमां होता है।
हर जमीं का आसमां होता है।
Taj Mohammad
ये जिंदगी
ये जिंदगी
Sumangal Singh Sikarwar
बिन माली बाग नहीं खिलता
बिन माली बाग नहीं खिलता
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
राम कृष्ण हरि
राम कृष्ण हरि
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी
कान्हा तेरी मुरली है जादूभरी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
कैसा फसाना है
कैसा फसाना है
Dinesh Kumar Gangwar
अंगड़ाई
अंगड़ाई
भरत कुमार सोलंकी
खत
खत
Sumangal Singh Sikarwar
रात नहीं कहता
रात नहीं कहता
Sumangal Singh Sikarwar
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