Posts Tag: कुण्डलिया 2k posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ravikesh Jha 21 Apr 2025 · 12 min read महात्मा कबीर। ~ रविकेश झा। नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सब आशा करते हैं कि आप सभी मित्र अच्छे और पूर्ण स्वस्थ होंगे। और निरंतर ध्यान में उतर रहे होंगे और स्वयं को जानने का... Hindi · आध्यात्मिकता · कबीर · कुण्डलिया · ध्यान और जागरूकता · महात्मा कबीर 144 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 21 Apr 2025 · 1 min read मांगे लड़के डॉवरी मांगे लड़के डॉवरी, लड़की चाहे राह | अलग हुयी यदि मंजिले , कैसे हो निर्वाह | कैसे हो निर्वाह,रोज अलगाव मुकदमा| बना दिया व्यवसाय, गुजारा भत्ता सदमा | कहें *प्रेम*... Hindi · कुण्डलिया 9 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 19 Apr 2025 · 1 min read ऐसे दिन दिखला रहे, हे कलयुग के नाथ ऐसे दिन दिखला रहे, हे कलयुग के नाथ | सास छोड़ कर भागती, जामाता के साथ | जामाता के साथ, रही बेटी बिन ब्याही | खुलता प्रेम प्रसंग, पुत गयी... Hindi · कुण्डलिया 20 Share Ravikesh Jha 18 Apr 2025 · 14 min read गुरु नानक देव जी। ~ रविकेश झा। नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सब आशा करते हैं कि आप सभी मित्र अच्छे और पूर्ण स्वस्थ होंगे। और निरंतर ध्यान में प्रवेश कर रहे होंगे लेकिन बस मेरे कहने... Hindi · Guru Nanak Dev Ji · आध्यात्मिकता · कुण्डलिया · ध्यान और जागरूकता · नानक देव जी 234 Share manorath maharaj 8 Apr 2025 · 1 min read मेरी समझ मेरी समझ इधर जब से मुझमें थोड़ी सी समझदारी आई है रहते थे जो सदा मेरे पास, उन्होंने दूरी बढ़ाई है । बिखरने लगे रिश्ते-नाते के लोग भी जब मुझसे... Hindi · कुण्डलिया 33 Share Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya" 6 Apr 2025 · 1 min read ख्वाबों का गुलदस्ता सींचा गुलदस्ता गुलशन का, ख्वाबों की बनी सियाही से। भोर हो गई उठ जा प्रियतम, अब क्यों डरे जुदाई से।। उतना ही देखो सपनों को, जितना हो सके हकीकत में।... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका · दोहा 1 517 Share Raj kumar 5 Apr 2025 · 1 min read शिव शक्ति कुण्डलिया -------------- शक्ति साधना कर रहे सभी भक्ति मय लोग, पूजन भजन आराधना और लगाते भोग। और लगाते भोग नवग्रह पूजन करते, कन्या पूजन होत और भण्डारे भारते। कहत राज... Hindi · कुण्डलिया 48 Share Mangu singh 4 Apr 2025 · 1 min read कुन्डलियां (1) उच्च श्रेणी के जज साहब बच्चियों पर अत्याचार करें। दुष्कर्म के विकृत कर्म को ना दुष्कर्म का वार कहें। ना दुष्कर्म का वार कहें रिश्तेदार बचा गये... Hindi · कुण्डलिया 31 Share Ravikesh Jha 2 Apr 2025 · 10 min read धन या ध्यान। ~ रविकेश झा धन कुछ देर के लिए खुशी दे सकता है सुखी कर सकता है बाहरी खुशी दे सकता है लेकिन पूर्ण तृप्ति नहीं पूर्ण नहीं संतुष्टि नहीं दे सकता है। इसीलिए... Hindi · कुण्डलिया · कोटेशन · जीवन प्रेम · धन पैसा ध्यान · ध्यान और जागरूकता 303 Share surenderpal vaidya 25 Mar 2025 · 1 min read खूब भलाई कीजिए कुण्डलिया ~~~~ खूब भलाई कीजिए, जीवन में हर बार। और दीजिए हर जगह, सेवा का उपहार। सेवा का उपहार, सनातन धर्म यही है। ऋषि मुनियों ने बात, हमेशा सत्य कहीं... Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया 1 1 32 Share Ravikesh Jha 24 Mar 2025 · 8 min read मुक्ति और बंधन: समझें दोनों के बीच का अंतर। ~ रविकेश झा नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सब आशा करते हैं कि आप सभी अच्छे और स्वस्थ होंगे और निरंतर ध्यान का अभ्यास कर रहे होंगे। हम जीवन प्रतिदिन जीते हैं और... Hindi · कुण्डलिया · ध्यान और जागरूकता · प्रेम और करुणा · बंधन मुक्ति क्या है · शांति 1 218 Share डाॅ. बिपिन पाण्डेय 16 Mar 2025 · 1 min read कुंडलिया छंद ( होली ) होली पर जो प्यार के,डाले हमने रंग। फीके सारे हो गए, लोग करें हुडदंग।। लोग करें हुडदंग,तोड़कर हर मर्यादा। रहा नहीं कुछ याद,किया जो खुद से वादा। घूमें लिए गुलाल,साथ... Hindi · कुण्डलिया 28 Share Iamalpu9492 16 Mar 2025 · 1 min read खुद से ही बगावत देख के यूं जिस्म तेरा, खुद से ही बगावत कर बैठे, रखना था हद में हमे अपने जज्बातों को, और हम ही कमबख्त, तेरे रेशमी जिस्म के भरोसे, आग में... Hindi · Quotation · कुण्डलिया 1 30 Share surenderpal vaidya 15 Mar 2025 · 1 min read कुण्डलिया कुण्डलिया ~~ होली की महिमा बड़ी, खूब लीजिए जान। पुत जाते मुखड़े सभी, बढ़ जाती पहचान। बढ़ जाती पहचान, सभी हैं रंग लगाते। और सभी के बीच, सहज हो घुल-मिल... Hindi · Quote Writer · कुण्डलिया · होली 1 1 35 Share Raj kumar 14 Mar 2025 · 1 min read होली कुंडलिया ======= होली के जो रंग हैं, वे खुशियों के शैल। हृदय में घुल जात हैं, धोदें मन का मैल। धोदें मन का मैल, करत पुलकित तन मन को। द्वेष... Hindi · कुण्डलिया 1 205 Share Raj kumar 13 Mar 2025 · 1 min read होलिका दहन कुण्डलिया ======== करो अवगुणों का दहन, आज होलिका संग। अंत बुराई का सदा, होता है बे रंग। होता है बे रंग, संग कुछ भी ना जाता। करते जैसे कर्म, वही... Hindi · कुण्डलिया 1 198 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 5 Mar 2025 · 1 min read होली के हुड़दंग में, रंगों की है जंग | होली के हुड़दंग में, रंगों की है जंग | सब मिल होली खेलते,पी पी करके भंग || पी पी करके भंग, व्यक्ति हर नाचे गाये | फगुआ के सँग ढोल,... Hindi · कुण्डलिया 52 Share Raj kumar 26 Feb 2025 · 1 min read महाशिवरात्रि विशेष शंकर की पूजा करो, शिव ही दिव्य प्रकाश। महाकाल नटराज ही, करते पूरण आश। करते पूरण आश, नाश दुष्टौं का करते । नीलकंठ विश्वेश, कष्ट भक्तों का हरते। कहत राज... Hindi · कुण्डलिया 287 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Feb 2025 · 1 min read बसंत पावन रूप बसंत का ,नरम- नरम है धूप| रंग बिरंगे मधु भरे, खिलते पुष्प अनूप | खिलते पुष्प अनूप, भ्रमर करते हैं गुंजन| कोयल मोर पपीहा हरते सबका तन मन... Hindi · कुण्डलिया 37 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 25 Feb 2025 · 1 min read आंखे आंखे हिरणी सम लगें , मंद मंद मुस्कान | सुंदरता की शान में, हो गजलों का गान | हो गजलों का गान, रैंप पर हो इतराती | महफिल भरती आह,मित्र... Hindi · कुण्डलिया 39 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 18 Feb 2025 · 1 min read फागुन बहने मलयानिल लगी,चन्दन जैसी धूप| रंग अनोखे दिख रहे ,बासंती है रूप || बासंती है रूप ,सुहाना मौसम आया | फगुआ के सँग ढोल,बजाना सबको भाया || कहें प्रेम कविराय,पहन... Hindi · कुण्डलिया 64 Share Lokesh Dangi 17 Feb 2025 · 1 min read सत्य की राह सत्य की राह मैं खोज रहा था सत्य को, सूखे पत्तों की सरसराहट में, गंगा की लहरों के सुरों में, घाटों की आरतियों की ध्वनि में। कभी पर्वतों की चोटी... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीतिका 45 Share Lokesh Dangi 17 Feb 2025 · 1 min read अवशेष अवशेष किसी पीपल की छाँव तले, मैंने कल कुछ पत्ते गिने थे, हर पत्ते पर अंकित थे, कुछ भूले-बिसरे सपने। एक था माँ के आँचल जैसा, जो बचपन की धूप... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 38 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Feb 2025 · 1 min read माता पिता माता वेदों की ऋचा , ममता का ही रूप। माँ की ममता के बिना ,जग मरुथल की धूप । जग मरुथल की धूप , अगर इससे है बचना तो निशि-वासर... Hindi · कुण्डलिया 64 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 Feb 2025 · 1 min read पछुआ हवा पछुआ जब बहने लगी,बोलें मुझसे कंत | ठंडक सी लगने लगी, छाया रूप बसंत |u छाया रूप बसंत , बयारें भीनी- भीनी | रूप बसन्ती धार , प्रकृति है झीनी... Hindi · कुण्डलिया 40 Share Lokesh Dangi 16 Feb 2025 · 1 min read "तुम्हारी याद का कफ़न" "तुम्हारी याद का कफ़न" उस गली से अब मैं नहीं गुज़रता, जहाँ कभी तुम्हारी हँसी की परछाई मिलती थी, अब वहाँ बस ख़ामोशी बिछी रहती है, जैसे कोई इंतज़ार में... Hindi · कविता · कुण्डलिया · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत 51 Share surenderpal vaidya 14 Feb 2025 · 1 min read गौरैया कुण्डलिया ~~~~ गौरैया का चहकना, खूब मचाना शोर। नित्य हुआ करता स्वयं, होती ज्यों ही भोर। होती ज्यों ही भोर, सभी को लगती प्रियकर। खुल जाती है नींद, छूट जाता... Hindi · कुण्डलिया · गौरैया 1 1 45 Share Raj kumar 12 Feb 2025 · 1 min read सत्य सनातन धर्म कुंडलिया 1. धर्म सनातन जगत में, रखता है पहचान। जड़ चेतन को पूजते, नारी का सम्मान। नारी का सम्मान, कर्म प्रधान बताते। जो जस करता कर्म, सभी फल वैसा पाते।... Hindi · कुण्डलिया 302 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Feb 2025 · 1 min read काया कंचन काया कंचन मोह वश ,भोगें दम्भी लोग | काम, क्रोध, मद, लोभ है , अंतस मानस रोग || अंतस मानस रोग, क्लेश दारिद्रय बढ़ाते | संसारिक दुख झेल आपसी भेद... Hindi · कुण्डलिया 50 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Feb 2025 · 1 min read पछुआ हवा पछुआ जब बहने लगी,बोलें मुझसे कंत | ठंडक सी लगने लगी, छाया रूप बसंत |u छाया रूप बसंत , बयारें भीनी- भीनी | रूप बसन्ती धार , प्रकृति है झीनी... Hindi · कुण्डलिया 46 Share Vijay kumar Pandey 8 Feb 2025 · 1 min read ~प्यासा प्रेम ~ ~प्यासा प्रेम ~ प्यासा' प्रेम अमोल है मत तोड़ो झटकाय। टूटे डोर पतंग का बहुत दूर चलि जाय।। बहुत दूर चलि जाय, हाथ ना फिर वो आवे। खान पान सम्मान... Hindi · कुण्डलिया 1 32 Share अवध किशोर 'अवधू' 7 Feb 2025 · 2 min read बसंत ऋतु बसंत ऋतु कुण्डलिया 1 हरियाली को देख मन गया उसी में भूल हरे भरे हर पौध पर दमक रहे हैं फूल दमक रहे हैं फूल दृश्य अनुपम यह दिखता अवधू... Hindi · कुण्डलिया 59 Share Iamalpu9492 6 Feb 2025 · 1 min read દેખાવ કળીયુગની દુનિયા છે, અહીં કદર એની નથી થતી જે સંબંધની કદર કરે છે પણ કદર એની થાય છે જે સંબંધનો દેખાવ કરે છે સાહેબ !! Gujarati · Quotation · कुण्डलिया 1 49 Share Aruna Dogra Sharma 3 Feb 2025 · 1 min read कुण्डलियां कैसी मजबूरी हुई, भूले सब संस्कार। पैसे के पीछे लगे, परदेशी सा प्यार।। परदेशी सा प्यार, भाव पश्चिम से जागे। मात पिता को भूल , होड़ मे सबसे आगे।। वृद्धाश्रम... Hindi · कुण्डलिया 89 Share Iamalpu9492 2 Feb 2025 · 1 min read નફરત છે મને મારા દિલથી *નફરત છે મને મારા દિલથી* *જે એ વ્યક્તિને પ્રેમ કરે છે જે એને* *બેહદ નફરત કરે છે, ઇગ્નોર કરે છે અને* *મારા સ્વમાનને ઠેસ પહોંચાડે છે !!* Gujarati · Quotation · कुण्डलिया 1 42 Share Iamalpu9492 2 Feb 2025 · 1 min read ક્યારેક મને ફરી મળો *ક્યારેક મને ફરી મળો* *તો મારી આંખોમાં ના જોશો,* *કેમ કે મારી આંખો એ ચિઠ્ઠી છે જે* *તમને ક્યારેય નથી મળી જેને વાંચીને* *તમે પોતાને માફ નહીં કરી શકો !!* Gujarati · Quotation · कुण्डलिया 1 58 Share Iamalpu9492 2 Feb 2025 · 1 min read નથી ગમતું ઘણું *નથી ગમતું ઘણું* *પણ કંઇક તો એવું ગમે છે,* *કે બસ એને જ કારણે આ* *ધરતી પર રહેવું ગમે છે !!* Gujarati · Quotation · कुण्डलिया 1 52 Share Vijay kumar Pandey 1 Feb 2025 · 1 min read खट्टे अंगूर खट्टे अंगूर सुस्त लोमड़ी लोभी भारी। ठगती घूमती जंगल सारी। खाने की , शौकीन बहुत थी। आदत की ,रंगीन बहुत थी। ऐठ बहुत थी, उसके अंदर। बात में उसके, थे... Hindi · कविता · कहानी · कुण्डलिया 1 41 Share Acharya Shilak Ram 30 Jan 2025 · 2 min read नरकालय नरकालय .............. जब भी देखता अव्यवस्था संसार! रोने का मन करता बार -बार!! कोशिश करता जितना खुद वश में! समान रहकर यश- अपयश में!! हस्तक्षेप करने का नहीं जुगाड़! आगे... Hindi · कविता · कुण्डलिया · गीत · गीतिका 43 Share Iamalpu9492 30 Jan 2025 · 1 min read रूप तेरे रूप अनेक है, जब जब देखा, जब जब सोचा, जब जब सपने देखा, वही रंगत हर बार कुछ यू देखी, में हुवा तब तब माघहोश , मिलना तो तुझे... Hindi · कुण्डलिया · कोटेशन 1 54 Share Iamalpu9492 30 Jan 2025 · 1 min read घाव जो तुम से मोहब्बत के घाव बहुत गहरे समुद्र तल की गहराई तक पहुंच गई। Hindi · कुण्डलिया · कोटेशन 1 36 Share Vijay kumar Pandey 20 Jan 2025 · 1 min read प्यासा कौआ प्यासा कौआ! गर्मी का दिन जेठ महीना । था कौवे को पानी पीना। प्यासा कौआ तड़प रहा था । पानी को वह तरस रहा था । दिख्खे उसको कहीं न... Hindi · कविता · कुण्डलिया 2 56 Share Yash Devlalikar 16 Jan 2025 · 1 min read यह कहानी है मेरे दोस्तों के बारे में। मेरे बचपन का एक दोस् मेरे फोन और मैसेज का कोई रिप्लाई नहीं देता है। ऐसा लग रहा है, वह मुझे भूलना है। क्योंकि उसे कोई नया दोस्त मिल चुका... Hindi · कुण्डलिया 1 55 Share आकाश महेशपुरी 14 Jan 2025 · 1 min read किसान रखवाली वह रात भर, दिन भर करता काम। फिर भी है पाता नहीं, लागत भर का दाम। लागत भर का दाम, हाय कितना छपटाता। जब सब्जी या अन्न, लिए मंडी... Hindi · कुण्डलिया 1 52 Share अवध किशोर 'अवधू' 11 Jan 2025 · 1 min read अनोखा कवि सम्मेलन अनोखा कवि सम्मेलन कुण्डलिया कवि सम्मेलन के लिए होता हूँ तैयार भर जाती उत्साह से घरवाली भी यार घरवाली भी यार इसलिए हरसाती है लौटूँ तो दमदार लिफाफा पा जाती... Hindi · कुण्डलिया 51 Share surenderpal vaidya 7 Jan 2025 · 1 min read हर मन प्यार कुण्डलिया ~~~~ कटुता सारी भूलकर, छलके हर मन प्यार। पुण्य धरा पर सावनी, बरसे ज्यों जलधार। बरसे ज्यों जलधार, धुले सारी कड़वाहट। जीवन में हर ओर, स्नेह के छलक उठे... Hindi · कुण्डलिया · प्यार 2 1 113 Share surenderpal vaidya 7 Jan 2025 · 1 min read भाग्य कुण्डलिया ~~~~ आते भाग्य लिए दुनिया में, हम सब अपने साथ। लेकिन फिर भी बहुत कुछ, होता अपने हाथ। होता अपने हाथ, कर्म पथ को अपनाएं। साथ लिए प्रारब्ध, नित्य... Hindi · कुण्डलिया · भाग्य प्रारब्ध भवितव्य 1 1 197 Share Acharya Shilak Ram 5 Jan 2025 · 1 min read *वो पगली* नभ सी उतरती हुई कोई परी ! रक्षा करना मेरी मेरे नरहरि!! ये पगली मुझे जानती ही नहीं है! मेरी दिव्यता पहचानती नहीं है!! फिर से कूड़े-कर्कट को ले आती... Hindi · कविता · कुण्डलिया · गीत · गीतिका · हाइकु 122 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Jan 2025 · 1 min read जब -जब होता रोग यह , सर्वाइकल हर बार| जब -जब होता रोग यह , सर्वाइकल हर बार| चक्कर आता है तभी, उल्टी भी हो यार | उल्टी भी हो यार, राय चिकित्सक की लेते | फिजियो की ले... Hindi · कुण्डलिया 101 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 4 Jan 2025 · 1 min read आया नूतन वर्ष जब, झूम रहे अरकान | आया नूतन वर्ष जब, झूम रहे अरकान | युवक युवतियों नाचते, मचल गये अरमान|| मचल गये अरमान, नाचती व्हिस्की बोतल | बाहों में हो बांह,झूमती काया कोमल|| दारू करती नाश,जवानी... Hindi · कुण्डलिया 97 Share Page 1 Next