Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Oct 2024 · 1 min read

sp71 अपनी भी किस्मत क्या कहिए

sp71 अपनी भी किस्मत क्या कहिए

रह रह के जल रहा है कही बुझ न जाय दिल
गर बुझ गया तो कैसे चरांगा करेंगे वो
==================

उन्हें है इश्क़ रुसवाई से गर मालूम होता ये
तो हम भी इस ज़माने में यकीनन बेवफा होते

===================

इलाही इस कदर कुछ बढ़ गई दीवानगी अपनी
कि खुद ही अपनी सूरत हमसे पहचानी नही जाती
==================

*****

अपनी भी किस्मत की कहिये ,मैखाने में प्यासे हैं

ज़लते हैं हर रंग में फिर भी बुझती हुई शमाँ से हैं

हम मैखाने के वाइज हैं क्यों जाये बुतखाने में

उनके सज़दे में हैं हम जो दिल के लिए खुदा से हैं

कितने थे अरमान हमारे गुलशन को महकाने के

अब कैसे गुलशन मह्काये गुज़री हुई फ़िज़ां से हैं

अपनी तो मिट गई हसरते एक ज़माना गुज़र गया

जो हैं आज तलक हम ज़िंदा उनकी एक दुआ से हैं

हुआ न पूरा ख्वाब अधूरा अफ़साना बन बैठे हम

और लग रहा अब भी बाकी किस्से चंद वफ़ा के है
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
sp71
******

25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manoj Shrivastava
View all

You may also like these posts

रक्षाबंधन - एक अटूट बंधन
रक्षाबंधन - एक अटूट बंधन
Savitri Dhayal
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
तुम्हें तो फुर्सत मिलती ही नहीं है,
Dr. Man Mohan Krishna
****भाई दूज****
****भाई दूज****
Kavita Chouhan
नजदीकियां हैं
नजदीकियां हैं
surenderpal vaidya
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मंत्र: वंदे वंछितालाभाय चंद्रार्धकृत शेखराम् । वृषारूढाम् शू
मंत्र: वंदे वंछितालाभाय चंद्रार्धकृत शेखराम् । वृषारूढाम् शू
Harminder Kaur
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
मैं- आज की नारी
मैं- आज की नारी
Usha Gupta
Kabhi kabhi paristhiti ya aur halat
Kabhi kabhi paristhiti ya aur halat
Mamta Rani
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
*धरती के सागर चरण, गिरि हैं शीश समान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
!! आराम से राम तक !!
!! आराम से राम तक !!
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मेरा शहर
मेरा शहर
नेताम आर सी
रंग
रंग
Rambali Mishra
4169.💐 *पूर्णिका* 💐
4169.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शिक़ायत (एक ग़ज़ल)
शिक़ायत (एक ग़ज़ल)
Vinit kumar
अब जुदा होकर...
अब जुदा होकर...
Vivek Pandey
वो बच्चा
वो बच्चा
Dr. Kishan tandon kranti
भाग्य प्रबल हो जायेगा
भाग्य प्रबल हो जायेगा
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गुजरी महल (कहानी)
गुजरी महल (कहानी)
Indu Singh
"तुम्हारे नाम"
Lohit Tamta
■ करोगे हड़बड़ तो होगी गड़बड़।।
■ करोगे हड़बड़ तो होगी गड़बड़।।
*प्रणय*
किसान
किसान
Dinesh Kumar Gangwar
स्वार्थ
स्वार्थ
Khajan Singh Nain
हिम्मत वाली प्रेमी प्रेमिका पति पत्नी बनतेहै,
हिम्मत वाली प्रेमी प्रेमिका पति पत्नी बनतेहै,
पूर्वार्थ
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
समय (Time), सीमा (Limit), संगत (Company) और स्थान ( Place),
Sanjay ' शून्य'
करुणभाव
करुणभाव
उमा झा
मुलभुत प्रश्न
मुलभुत प्रश्न
Raju Gajbhiye
उपहास ~लघु कथा
उपहास ~लघु कथा
Niharika Verma
भाग्य
भाग्य
लक्ष्मी सिंह
Loading...