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9 Nov 2024 · 1 min read

sp128 इस रुपए में

sp128 इस रुपए में
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इस रुपए में तेज धार है चमत्कार को नमस्कार है
न्याय तुल रहा है पैसों में रिश्वत खुल करती प्रहार है

दंड बराबर व्यभिचारी के इनमें कोई भेद मत करो
फांसी पर सब को लटकाओ भारत माता की पुकार है

फौज वकीलों की बैठी है अपना हुनर दिखाने वाली
पैसा लेकर करें प्रमाणित 12 से उपर शिकार है

मैं माता हूं बेटी भी हूं पत्नी बहन और भौजाई
भाव बदल रहती धरती पर हर नारी की यह गुहार है

दोषी कोई कहीं ना छूटे न्याय सत्य का साथ ना छोड़े
सार्थक हर युग में यह चिंतन बलात्कार तो बलात्कार है
@

पानी के बुलबुले हैं रिश्ते पल में बनते पल में फूटते
गाढ़ा खून सदा पानी से जल्दी रिश्ते नहीं टूटते

पहले दुल्हन जाया करती थी डोली में जिनके भरोसे
आज जमाना बदल गया है अब कहार ही उसे लूटते
@

डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
sp, 128

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