Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Nov 2024 · 1 min read

sp115 श्री स्वर्गीय अग्रज केपी सक्सेना

sp115 श्री स्वर्गीय अग्रज केपी सक्सेना जी को समर्पित
*************************

किसको बताएं कैसे हम उनके करीब थे
उनकी कलम की धार के तो सब मुरीद थे

महज सुकरात का डर पे थी चल गई कलम
एक नुक्ता छाया रूह पर वो ऐसे अदीब थे
@
कल चित्रगुप्त जी की पूजा या कलम दवात की पूजा है
है भाई दूज का पर्व भी यह 12 भाइयों की पूजा है

श्रीवास्तव सक्सेना अम्बष्ट निगम माथुर भटनागर कुलश्रेष्ठ कर्ण
अस्थाना बिसारिया सोम खरे पूरे भारत में करें वरण

सिंन्हा वर्मा स्वरूप चित्रवंशी लाभ लाल बसु शास्त्री भी
सूरज ध्वज विश्वास सरकार और चक्रवर्ती श्रेष्ठ ठाकरे भी

परदेसी बोस दत्त आडवाणी पटनायक नायडू रक्षित सेन
बच्चन देशमुख मुंशी बक्शी जैसे भी उपनाम है मेन

हम सब हैं चित्रगुप्त वंशज करते हैं उनका आराधन
हो कृपा प्रभु की हम सब पर बस खिला रहे यह मन कानन
@
डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
sp115

19 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Manoj Shrivastava
View all

You may also like these posts

खूबसूरती
खूबसूरती
Ritu Asooja
किसी की सेवा...
किसी की सेवा...
ओंकार मिश्र
मनुष्य
मनुष्य
Johnny Ahmed 'क़ैस'
अच्छी नहीं
अच्छी नहीं
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
" हौंसला ही साथ देगा ----- "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
"इंसान हो इंसान"
Dr. Kishan tandon kranti
विषय-
विषय-"जलती रही!"
Priya princess panwar
भावनात्मक निर्भरता
भावनात्मक निर्भरता
Davina Amar Thakral
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
वो मुझे अपना पहला प्रेम बताती है।
पूर्वार्थ
ये कैसी दीवाली
ये कैसी दीवाली
Satish Srijan
लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
लिख रहा हूं कहानी गलत बात है
कवि दीपक बवेजा
खूबसूरत सा लगा है वो अंदाज़ तुम्हारा हमें,
खूबसूरत सा लगा है वो अंदाज़ तुम्हारा हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विश्वकप-2023
विश्वकप-2023
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
Rj Anand Prajapati
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-177 के श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-177 के श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रोशनी की किरणें छाई,
रोशनी की किरणें छाई,
Kanchan Alok Malu
..
..
*प्रणय*
भारत इकलौता ऐसा देश है जहां लड़के पहले इंजीनियर बन जाते है फ
भारत इकलौता ऐसा देश है जहां लड़के पहले इंजीनियर बन जाते है फ
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
यक्षिणी-10
यक्षिणी-10
Dr MusafiR BaithA
सत्य को सूली
सत्य को सूली
Shekhar Chandra Mitra
#विदा की वेला
#विदा की वेला
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
चलो मनाएं नया साल... मगर किसलिए?
चलो मनाएं नया साल... मगर किसलिए?
Rachana
आशीष
आशीष
उमा झा
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
मुझको जीने की सजा क्यूँ मिली है ऐ लोगों
Shweta Soni
3434⚘ *पूर्णिका* ⚘
3434⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
परिमल पंचपदी-- वार्णिक (नवीन विधा)
परिमल पंचपदी-- वार्णिक (नवीन विधा)
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Trải nghiệm thế giới casino đỉnh cao với hàng ngàn trò chơi
Trải nghiệm thế giới casino đỉnh cao với hàng ngàn trò chơi
Vin88
लहज़ा रख कर नर्म परिंदे..!!
लहज़ा रख कर नर्म परिंदे..!!
पंकज परिंदा
!! वो बचपन !!
!! वो बचपन !!
Akash Yadav
Loading...