sp111 जो कहते हैं
sp111 जो कहते हैं
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जो कहते हैं यह घर मेरा बड़े नादान लगते हैं
उन्हें कैसे यह बतलाएं ये दुनिया रैन बसेरा है
खुला पिंजरा उड़ा पंछी ओ पहुंचा किस ठिकाने पर
नई दुनिया में तो हरसू घिरा बादल घनेरा है
हुई गलती उसे मानो जो सार्थक सच है पहचानो
कहावत यह पुरानी है जब जागो तब सवेरा है
कभी लगता है ये है बिजली कोई सतरंगी बादल है
फलक पे ये गजब का रंग भला किसने बिखेरा है
क्या समझें सच गलत माने किस कैसे अब
कभी लगती है गहरी रात कभी लगता उजेरा है
बे नी आ ह पी ना ला इंद्रधनुष के सातों रंग
गगन मंडल पर यह जादू प्रकृति ने ही उकेरा है
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डॉक्टर इंजीनियर
मनोज श्रीवास्तव
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