Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Sep 2024 · 1 min read

Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a

Sometimes even after finishing the chapter and bidding it a farewell , flipping pages backwards is required to see what actually the plot did to the fate of the protagonists, was the act actually a justice to the protagonists? Once again living the old moments is maybe sometimes worth it. It’s worth it to discover whether actually the antagonist was the antagonist. When you have already discovered that your excitement for the story and it’s climax is dead ,then a tingling sensation in your heart moistens your emotions and seldom your eyes to return back to it, just to go through each and every destined actions and maybe you’ll find a new enlightened vision to judge it right.

1 Like · 42 Views

You may also like these posts

राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल किस दिन मनाया जाता है?
राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल किस दिन मनाया जाता है?
Aneesh
शिक्षक जो न होते
शिक्षक जो न होते
Sudhir srivastava
"सवाल"
Dr. Kishan tandon kranti
तंद्रा तोड़ दो
तंद्रा तोड़ दो
Mahender Singh
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सन् २०२३ में,जो घटनाएं पहली बार हुईं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
🌹अपना ख्याल रखियें🌹
🌹अपना ख्याल रखियें🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
आज़ादी
आज़ादी
MUSKAAN YADAV
तुम मुझे सुनाओ अपनी कहानी
तुम मुझे सुनाओ अपनी कहानी
Sonam Puneet Dubey
तेरी याद ......
तेरी याद ......
sushil yadav
आप कितने अपने हैं....
आप कितने अपने हैं....
TAMANNA BILASPURI
क्या लिखूं
क्या लिखूं
पूर्वार्थ
4405.*पूर्णिका*
4405.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#क़तआ / #मुक्तक
#क़तआ / #मुक्तक
*प्रणय*
हर आँसू में छिपा है, एक नया सबक जिंदगी का,
हर आँसू में छिपा है, एक नया सबक जिंदगी का,
Kanchan Alok Malu
अपने दिल में चोर लिए बैठे हैं
अपने दिल में चोर लिए बैठे हैं
Suryakant Dwivedi
Barish
Barish
Megha saroj
फूलों से सीखें महकना
फूलों से सीखें महकना
भगवती पारीक 'मनु'
आगे उनके  हो गये,हम क्या जरा शरीफl
आगे उनके हो गये,हम क्या जरा शरीफl
RAMESH SHARMA
रावण, तुम अमर कैसे हो गये
रावण, तुम अमर कैसे हो गये
Chitra Bisht
सुबह की तलब की चाय तुम हो।
सुबह की तलब की चाय तुम हो।
Rj Anand Prajapati
देवी स्तुति द्वितीय अंक * 2*
देवी स्तुति द्वितीय अंक * 2*
मधुसूदन गौतम
योग्य शिक्षक
योग्य शिक्षक
Dr fauzia Naseem shad
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
जिंदगी इम्तिहानों का सफर
Neeraj Agarwal
"Gym Crush"
Lohit Tamta
एक ही दिन में पढ़ लोगे
एक ही दिन में पढ़ लोगे
हिमांशु Kulshrestha
क्या लिखूँ
क्या लिखूँ
Dr. Rajeev Jain
ईमान
ईमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
फिर कभी तुमको बुलाऊं
फिर कभी तुमको बुलाऊं
Shivkumar Bilagrami
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
रमेशराज के 'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में 7 बालगीत
कवि रमेशराज
Loading...