नया वर्ष पुराना वर्ष-नववर्ष
खुदा ने ये कैसा खेल रचाया है ,
घनाक्षरी के बारह प्रकार सविस्तार
गीत- कृष्णा की पुकार सुनो...
पेंसिल हो या पेन लिखने का सच हैं।
विचारों को पढ़ कर छोड़ देने से जीवन मे कोई बदलाव नही आता क्य
महिलाएं जितना तेजी से रो सकती है उतना ही तेजी से अपने भावनाओ
आपके साथ आपका रिश्ता आपके हर दूसरे रिश्ते के लिए सुर व ताल स
कस्तूरी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
ग़ज़ल _ बरबाद ही किया है ।
You have to keep pushing yourself and nobody gonna do it for
तर्जनी आक्षेेप कर रही विभा पर
उत्तंग पर्वत , गहरा सागर , समतल मैदान , टेढ़ी-मेढ़ी नदियांँ , घने वन ।
"दानव-राज" के हमले में "देव-राज" की मौत। घटना "जंगल-राज" की।