मना लिया नव बर्ष, काम पर लग जाओ
कुछ नींदों से ख़्वाब उड़ जाते हैं
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*प्रखर राष्ट्रवादी श्री रामरूप गुप्त*
गम के पीछे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
- एक दिन उनको मेरा प्यार जरूर याद आएगा -
फिर वही सुने सुनाए जुमले सुना रहे हैं
श्रीराम किसको चाहिए..?
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
ओ *बहने* मेरी तो हंसती रवे..
मैं टीम इंडिया - क्यों एक अभिशापित कर्ण हूँ मैं!
घनाक्षरी - सोदाहरण व्याख्या
मम्मी इस छुट्टी में चंदा मामा के घर जाना है
जब फ़ज़ाओं में कोई ग़म घोलता है