ऐ भाई - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
याद सताय
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के विरोधरस के गीत
At the end of the day, you look back on what you have been t
हम में,तुम में दूरी क्यू है
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है
माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है
छोड़ जाऊंगी
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
लोकसभा में रच दिया,नया और इतिहास
बाँधो न नाव इस ठाँव, बंधु!
इंतजार की कीमत उससे पूछिए।
अमृत पीना चाहता हर कोई,खुद को रख कर ध्यान।
नाम उल्फत में तेरे जिंदगी कर जाएंगे।
महोब्बत के नशे मे उन्हें हमने खुदा कह डाला
पनघट
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर