Pyasa ke dohe (vishwas)
~छ: दोहे ~
—————-
मेरे प्यारे मित्र तुम, होना नही निराश ।
तिनका-तिनका घोंसला,रचता मन विश्वास।।१
तजिए ना विश्वास को, रखिए आश विशुद्ध ।
मिल जायेंगे राम भी, मिल जायेंगे बुद्ध।२
तोड़ निराशा फेकिए, कर पैदा मन आश।
हँसी -खुशी विश्वास दे, रोता रहे निराश ३
घुट-घुट जीते जिंदगी, मन जो करें निराश।
रोते मन डूबे सदा,,तिरता है विश्वास।४
मिलता फल विश्वास का,कर देखो हरि नेह।
भक्त सुदामा किस तरह,पा के रहे सनेह ।।५
मत हारें विश्वास को, रखें आश बेजोड़।
अंदर से विश्वास का, नही जगत में तोड़।।६
–‘प्यासा’