गुमनाम 'बाबा' Tag: Quote Writer 84 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid गुमनाम 'बाबा' 19 Nov 2024 · 1 min read आओ! आओ! हिंदी-क, ख, ग सीखें हम… Quote Writer 13 Share गुमनाम 'बाबा' 19 Nov 2024 · 1 min read आओ! आओ! हिंदी-क, ख, ग सीखें हम... Quote Writer 12 Share गुमनाम 'बाबा' 19 Nov 2024 · 1 min read आओ हिंदी सीखें.... आओ हिंदी सीखें.... क, ख, ग Quote Writer 12 Share गुमनाम 'बाबा' 13 Nov 2024 · 1 min read किसी भी स्त्री का उत्पीड़न न करें क्योंकि प्रत्येक स्त्री एक किसी भी स्त्री का उत्पीड़न न करें क्योंकि प्रत्येक स्त्री एक माँ है और डरी हुई माँ हमेशा कायर संतान को जन्म देती है कायर संतति से कमजोर राष्ट्र का... Quote Writer 20 Share गुमनाम 'बाबा' 1 Nov 2024 · 1 min read *शुभ दीपावली* *शुभ दीपावली* दीप नेह का परिचायक है दीप सुखद शुभ फलदायक है तमस मिटाकर स्वयं जला है तिमिर विनाशक द्युति नायक है राग द्वेष को पीछे छोड़ें गले लगाएं मुख... Quote Writer 34 Share गुमनाम 'बाबा' 16 Oct 2024 · 1 min read जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवाम जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे-युगे" कहकर युगों-युगों तक धर्म की रक्षा का वचन दे चुके हैं उन्हीं के वंशज आज वामपंथियों की विकृत मानसिकता का शिकार... Quote Writer 35 Share गुमनाम 'बाबा' 16 Oct 2024 · 1 min read एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से एक समय था जब शांतिप्रिय समुदाय के लोग घर से पशु, ट्यूवेल से मोटर शस्त्र के बल पर छीनकर ले जाते थे और हम नि:सहाय होकर रह जाते थे...फिर युग... Quote Writer 28 Share गुमनाम 'बाबा' 15 Oct 2024 · 1 min read बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया बहराइच की घटना पर मिली प्रतिक्रियाओं से लग रहा है कि लोहिया का समाजवाद अब नमाजवाद की ओर चल दिया है और स#%@वादी पार्टी अब नमाजवादी पार्टी बन गयी है।... Quote Writer 30 Share गुमनाम 'बाबा' 15 Oct 2024 · 1 min read विदेशी आक्रांता बनाम मूल निवासी विमर्श होना चाहिए था एक वामप विदेशी आक्रांता बनाम मूल निवासी विमर्श होना चाहिए था एक वामपंथी सोच ने आर्य बनाम मूल निवासी बना दिया जबकि आर्य और मूल निवासी एक हैं🤔 Quote Writer 27 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Sep 2024 · 1 min read दोहा दोहा सब्र सरीखो धन नही, क्षमादान सो दान। प्रेम सदृश्य त्याग नही, जिज्ञासा सो ज्ञान।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 41 Share गुमनाम 'बाबा' 28 Sep 2024 · 1 min read दोहा दोहा दान दिए से सुख मिले, रिश्वत से संताप। बेशक कुछ दिन-देर हो, फल पाएंगे आप।। ©दुष्यंत ‘बाबा’ Quote Writer 37 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Sep 2024 · 1 min read फेसबुक पर समस्या मूलक मित्रों की बाढ़-सी आ गयी है (जैसे यह रि फेसबुक पर समस्या मूलक मित्रों की बाढ़-सी आ गयी है (जैसे यह रिवाज गलत, यह परंपरा ऐसे हैं वैसे है आदि) जो चार पंक्ति की समस्या पोस्ट कर निकल लेते... Quote Writer 36 Share गुमनाम 'बाबा' 22 Sep 2024 · 1 min read कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की स कौवों को भी वही खिला सकते हैं जिन्होंने जीवित माता-पिता की सेवा की होती है अन्यथा जिन्होंने जीवित माँ-बाप को ही नही खिलाया वह कौवों को भी क्या खिलायेंगे? क्योंकि... Quote Writer 32 Share गुमनाम 'बाबा' 14 Sep 2024 · 1 min read हम सब की है यही अभिलाषा हम सब की है यही अभिलाषा हिंदी बने! राष्ट्र की भाषा -दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 60 Share गुमनाम 'बाबा' 29 Aug 2024 · 1 min read दोहा दोहा मुझको उसमें लग गयी, ऐसी गहरी प्रीत। उसके अवगुण-दोष भी, लगते मुझको मीत।। -दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 69 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Aug 2024 · 1 min read दोहा दोहा छल-प्रपंच से हैं भरे, दिखते मानो फूल। कितने भोले लोग हैं, लेकर जाते भूल।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 44 Share गुमनाम 'बाबा' 24 Aug 2024 · 1 min read दोहा दोहा जब-जब लोगों की बढ़ी, हद से ज्यादा आय। कुत्ते घर में आ गए, निकली बाहर गाय।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 50 Share गुमनाम 'बाबा' 24 Aug 2024 · 1 min read दोहा दोहा बदल गया संसार में, सम्बन्धों का स्वाद। अच्छा मूल कृति से, लगे यहाँ अनुवाद।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 46 Share गुमनाम 'बाबा' 9 Aug 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया पीड़ा की ही देन है, गोला बम मिसाइल। उत्पीड़न की चोट से, बनता है इजराइल।। बनता है इजराइल, फिर बहे रक्त का सिंधु। पढ़ ले कुछ इतिहास, सबक ले... Quote Writer 80 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Jun 2024 · 1 min read शायरी शायरी तुम से मिलकर जाने-जां ऐसी कसम उठाई है लाखों दिल के अरमां तोड़े हर कोई बहन बनाई है ©दुष्यंत ‘बाबा’ Quote Writer 208 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Jun 2024 · 1 min read मुक्तक मुक्तक मैं मुस्कराता हूँ तो जुल्फें सँवार लेती है न देखूँ तो चेहरा बिगाड़ लेती है मुझसे इश्क करती है वो परचून वाली मेरे नाम से सबको उधार देती है... Quote Writer 95 Share गुमनाम 'बाबा' 1 Jun 2024 · 1 min read अभाव और साहित्य का पुराना रिश्ता है अभाव ही कवि को नए आलंबन अभाव और साहित्य का पुराना रिश्ता है अभाव ही कवि को नए आलंबन देता है जो कविता का प्राण है। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 1 118 Share गुमनाम 'बाबा' 22 May 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया छोटी-छोटी बात पर, मत कर मन प्रतिकार। साल भरे में घूर की, आती रही बहार।। आती रही बहार, रहे दिन सबके फिरते। । करते जो प्रतिकार, नज़र से खुद... Quote Writer 111 Share गुमनाम 'बाबा' 24 Feb 2024 · 1 min read रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि। रविदासाय विद् महे, काशी बासाय धी महि। तन्नो रविय: प्रचोदयात्! आप सभी को रविदास जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ! Quote Writer 1 157 Share गुमनाम 'बाबा' 23 Feb 2024 · 1 min read “मैं सब कुछ सुनकर भी “मैं सब कुछ सुनकर भी चुपचाप लौट आता हूँ, स्वाभिमान से भी आगे परिवार का पेट पाता हूँ” ©दुष्यंत ‘बाबा’ Quote Writer 1 149 Share गुमनाम 'बाबा' 23 Feb 2024 · 1 min read "मैं सब कुछ सुनकर मैं चुपचाप लौट आता हूँ "मैं सब कुछ सुनकर भी चुपचाप लौट आता हूँ स्वाभिमान से भी बड़ा परिवार का पेट पाता हूँ" ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 1 127 Share गुमनाम 'बाबा' 13 Feb 2024 · 1 min read इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके ठाट। इनको साधे सब सधें, न्यारे इनके ठाट। तीनों के कुल एक हैं, यादव गुर्जर जाट।। ©दुष्यंत बाबा Quote Writer 152 Share गुमनाम 'बाबा' 2 Feb 2024 · 1 min read "हृदय में कुछ ऐसे अप्रकाशित गम भी रखिए वक़्त-बेवक्त जिन्हें आ "हृदय में कुछ ऐसे अप्रकाशित गम भी रखिए वक़्त-बेवक्त जिन्हें आप अपना कह सकें और एकांत में जी भर गुफ्तगू कर सकें" -©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 140 Share गुमनाम 'बाबा' 30 Jan 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया सड़कें पानी नालियां, होने लगीं दुरुस्त। आज जोश में आ गए, नेता थे जो सुस्त।। नेता थे जो सुस्त, कर रहे ता-ता थैया। कहते माई बाप, तुम्हीं हो नाव... Quote Writer 160 Share गुमनाम 'बाबा' 27 Jan 2024 · 1 min read *बेचारे नेता* *बेचारे नेता* नेता हमारे कितने अच्छे हैं लगता जैसे भोले बच्चे हैं पार्टियां इनको जान गई है सही चेहरा पहचान गयीं है कान खुले और जुवा मौन है कल पूछेंगे... Quote Writer 141 Share गुमनाम 'बाबा' 24 Nov 2023 · 1 min read राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल। राख देख शमशान में, मनवा करे सवाल। क्या लेकर तू जा सका, करता रहा बवाल।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 4 354 Share गुमनाम 'बाबा' 19 Nov 2023 · 1 min read विश्व कप-2023 फाइनल सुर्खियां विश्व कप-2023 फाइनल सुर्खियां सबसे ज्यादा रन-विराट कोहली (765)भारत सबसे ज्यादा विकेट-मोहम्मद सामी(24)भारत सबसे ज्यादा मैन ऑफ द मैच/ ज्यादा औसत गेंदबाजी-आर० अश्विन, भारत सबसे अधिक चौके-विराट कोहली (68)भारत सबसे... Quote Writer 165 Share गुमनाम 'बाबा' 19 Nov 2023 · 1 min read विश्व कप-2023 फाइनल विश्व कप-2023 फाइनल भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया स्थान-नरेन्द्र मोदी स्टेडियम, अहमदाबाद पुरस्कार वर्ल्डकप ट्रॉफी-ऑस्ट्रेलिया मैन ऑफ द मैच-ट्रेविस हैड (137 रन) मैन ऑफ द टूर्नामेंट- गोल्डन बैट-विराट कोहली(765)भारत गोल्डन बॉल-मोहम्मद सामी(24) Quote Writer 133 Share गुमनाम 'बाबा' 19 Nov 2023 · 1 min read अच्छे बल्लेबाज हैं, गेंदबाज दमदार। अच्छे बल्लेबाज हैं, गेंदबाज दमदार। इस कप की तो इंडिया , निश्चित दावेदार।। ©दुष्यंत ‘बाबा’ Quote Writer 302 Share गुमनाम 'बाबा' 18 Nov 2023 · 1 min read जल्दी-जल्दी बीत जा, ओ अंधेरी रात। जल्दी-जल्दी बीत जा, ओ अंधेरी रात। कल देखेंगे हम सभी, छक्कों की बरसात।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 293 Share गुमनाम 'बाबा' 17 Nov 2023 · 1 min read सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच। सामी विकेट लपक लो, और जडेजा कैच। श्रेयस रोहित कोहली, जीतो यह भी मैच।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 252 Share गुमनाम 'बाबा' 17 Nov 2023 · 1 min read दोहा दोहा शुभमन रोहित कोहली, सामी सा नही और। आ कंगारू होश में, बदल गया है दौर।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 312 Share गुमनाम 'बाबा' 17 Nov 2023 · 1 min read दोहा दोहा यही विश्वकप हाथ में, होगा दो दिन बाद। फिर झूमेगा इंडिया, चलो अहमदाबाद।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 269 Share गुमनाम 'बाबा' 17 Nov 2023 · 1 min read दोहा दोहा ग्रह-नक्षत्रों ने चली, पिछले कुछ दिन चाल। तन-मन पीड़ित कर दिया, पैसों से कंगाल।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 1 371 Share गुमनाम 'बाबा' 14 Nov 2023 · 1 min read "एहसानों के बोझ में कुछ यूं दबी है ज़िंदगी "एहसानों के बोझ में कुछ यूं दबी है ज़िंदगी कर रहे है जी हजूरी भूल गए हम बंदगी देखकर बाजार बेतबज्जो आती है शर्मिंदगी हम हीरा लिए बैठे रहे बिक... Quote Writer 2 331 Share गुमनाम 'बाबा' 14 Nov 2023 · 1 min read "चुनाव के दौरान नेता गरीबों के घर खाने ही क्यों जाते हैं, गर "चुनाव के दौरान नेता गरीबों के घर खाने ही क्यों जाते हैं, गरीबों को अपने घर खाने पर क्यों नही बुलाते...संवेदना या सब टी.आर.पी. का खेल है" ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 1 318 Share गुमनाम 'बाबा' 13 Nov 2023 · 1 min read "पहले मुझे लगता था कि मैं बिका नही इसलिए सस्ता हूँ "पहले मुझे लगता था कि मैं बिका नही इसलिए सस्ता हूँ परन्तु आज लगता है कि मैं सस्ता हूँ इसलिए बिका नही" ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 1 173 Share गुमनाम 'बाबा' 1 Nov 2023 · 1 min read करवाचौथ (कुंडलिया) करवाचौथ (कुंडलिया) हर दिन करवा चौथ हो, मिलें परस्पर मीत। गीत अधर पर रहें सदा, नयनों में संगीत।। नयनों में संगीत, कभी न कटु बचन कहतीं।। पति व्यसन से दूर,... Quote Writer 2 308 Share गुमनाम 'बाबा' 1 Nov 2023 · 1 min read "तुम्हारे शिकवों का अंत चाहता हूँ "तुम्हारे शिकवों का अंत चाहता हूँ कुछ पल के लिए एकांत चाहता हूँ थक गया हूँ गहमा-गहमी से बहुत अब जिंदगी बहुत शांत चाहता हूँ" ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 3 250 Share गुमनाम 'बाबा' 27 Sep 2023 · 1 min read दोहा दोहा राधा कहता आपको, ओ राधा के दास। राधा-राधा जब कहा, पाया तुमको पास।। ©दुष्यन्त ‘बाबा’ Quote Writer 313 Share गुमनाम 'बाबा' 26 Sep 2023 · 1 min read दोहा दोहा माँ जाये सम्बंध में, शब्द हो गए दीन। अपनों की तौहीन में, थी अपनी तौहीन।। ©दुष्यंत 'बाबा' Quote Writer 276 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Sep 2023 · 1 min read दोहा दोहा आकर बैठो पास तुम, होकर कभी अशेष। फिर नैना पढ़कर कहो, नही प्रश्न अब शेष।। ©दुष्यन्त ‘बाबा’ Quote Writer 380 Share गुमनाम 'बाबा' 25 Sep 2023 · 1 min read दोहा दोहा हरिया किससे मैं कहूँ, अपने मन की पीर। उठ आती है हूँक सी, सीना देती चीर।। आज दुःखी हो कह रहा,अपने मन की पीर। हरिया मुझसे छीन ले, पावक... Quote Writer 1 652 Share गुमनाम 'बाबा' 23 Sep 2023 · 1 min read दोहा दोहा हर अर्जुन यह सोचता, मैं धनुधारी वीर। बिना कृष्ण इस युद्ध में, खोटे है सब तीर।। ©दुष्यन्त 'बाबा' Quote Writer 318 Share गुमनाम 'बाबा' 22 Sep 2023 · 1 min read चाय-समौसा (हास्य) चाय-समौसा (हास्य) रोष समौसे में भरा, बोला सुन ले पनीर। तीन टाँग का जो कहा, सीना दूँगा चीर।। चाय उबल कर कह गयी, सबसे अपनी पीर। संग समौसे तल गयी,... Quote Writer 312 Share Page 1 Next