Uttirna Dhar 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read तिनको से बना घर पेड़ों की टहनियों पर, है असंख्य पक्षियों का घर । तिनको को जोड़ जोड़ कर उन सब ने, रहने के लिए घर बनाए थे । लेकिन अकस्मात एक तूफान के... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 1 65 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read नदी (पहले और आज) नदी पहले और आज नदी किनारे मिलती थी चैन और आराम , कभी-कभी हम करने आते थे यहां विश्राम। लेकिन वह नदी पहले जैसा नहीं रही , कचड़े का ढेर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 2 57 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read मज़दूर की मजबूरी कहां जा रहे हो अरे ओ मजदूर ?? किसके कारण हो इतने मजबूर ?? उत्तर------जा रहे हैं बहुत दूर !! पेट ने साहब किया है मजबूर । अगर किसी शहर... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 71 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read मित्रता मैले वस्त्र पहन सुदामा चले द्वारका नगड़ी, कृष्ण कन्हैया दौड़े आए करने स्वागत उनकी । गले मिले , नयन भरे ,दोनों बड़े आनंदित हुए , धनवान और गरीब का भेद... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 48 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read हे पवन कुमार हे पवन कुमार,सुन लीजिए प्रभु हमारी पुकार। आरती की थाल सजाए हम हैं खड़े, कृपा कर हमारी कष्टों को दूर करें। हे संकट मोचन, वीर हनुमान , सदैव करूं आपकी... Poetry Writing Challenge-3 · Bhajan · Hanumanjayanti · कविता · गीत 1 63 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read जय जय शंकर जय त्रिपुरारी जय जय शंकर जय त्रिपुरारी, जय महेश्वर जय जटाधारी। पूजार्चना आरती करती , शिव शिव शिव की माला जपती। हे त्रिशूल धारी हे सोमेश्वर, हे मल्लिकार्जुन हे रामेश्वर । जय... Poetry Writing Challenge-3 · Lord Shiv Bhajan · कविता 2 65 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read मां मां है एक अनन्य कलाकार, निभाए सभी तरह के किरदार । बच्चों के लिए है प्रथम गुरु , शिक्षा की बुनियाद होती जहां से शुरू। खेले साथ रहे ऐसे, बचपन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 48 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read गरीबों की दीपावली नन्हीं उंगलियों को थामकर , एक मां ने अपने बच्चे को पास बिठाकर। दीपों की टोकरीओं को सामने रखकर, ग्राहक आने की आस लगाकर। बैठी है अनिश्चित होकर , क्योंकि... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 53 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read आशियाना जहां पर नरम बिस्तर के गरम चादर पर, शीत के वस्त्र पहने रहते ठिठुरकर , या पत्ते से बना मोटा बिछौना ही सही , यही तो है बस !आशियाना अपनी... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 61 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read सपनों का घर एक आदमी ने कई सपनों को संजोए, बड़ा घर अपने परिवार के लिए बनाएं । बच्चे थे जब छोटे -छोटे, खेलते पढ़ते और हंसते रोते । धीरे-धीरे सब बड़े हो... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 51 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 2 min read नारी का जीवन आसान नहीं है यह नारी का जीवन, पग-पग है ठोकरें और क्रंदन । शक्ति रूपेना मां दुर्गा की पूजा सभी करते हैं, लेकिन अभी भी कुछ घरों में लड़की होने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 42 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read शक्ति स्वरूपा हे नारी तू आगे बढ़ , अंधेरे रास्तों से मत डर। कई भेड़िये की निगाहें तुझे देखेंगे , कई बाधाएं तुझे टोकेंगे। लेकिन तुझे आगे बढ़ना ही होगा , अपने... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 34 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read मन कई प्रश्न जो निरंतर आती है, अपने मन के भीतर हीलोड़े खाती है l इस मन को कैसे समझाऊं मैं , न जाने क्यों मेरा मन उदासीनता से भरा है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 29 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read पुल उजाले से अंधेरा होता है , लेकिन उस पुल पर हर वक्त चहल-पहल रहता है। न जाने कितनी दूर दराज की गाड़ियां, नित-दिन गुजरती है यहां। जब सैर करने निकलती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 35 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read मध्यमवर्ग उच्च वर्ग समान बनने की चाहत, निम्न वर्गों के कष्टों से होते आहत। जी हां! हम मध्य वर्ग के है लोग , जो ना दुख झेलते न करते सुख भोग।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 41 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read सन्देश अभी न सन्देश भेजने का वह सुख है , अभी बस ! भावहीन रह गया यह मुख है । यो तो कई आसान माध्यम है अभी सन्देश भेजन का ,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 39 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read उड़ने दो उड़ने दो इन पंखों को, जो लोग कतरना चाहते हैं। उड़ने दो इन पंखों को, जो ऊंची उड़ान भरना चाहते हैं । उड़ने दो इन पंखों को , जो तुम्हें... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 41 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read हिंदी भाषा हिंदी भाषा मधुर है अति, विश्व भर में है इसकी ख्याति । विदेश में भी हिंदी का ले रहे हैं ज्ञान, अपने ही देश में रहकर क्यों ना देते हम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 42 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read कष्ट क्या है ? कष्ट क्या है ??सर पर छत ना होना, या सर पर छत होकर भी दुखड़ा रोना। । कष्ट क्या है??दो वक्त की रोटी ना मिलना, या स्वादानुसार पकवान ना मिल... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 40 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read भरोसा भरोसा यह शब्द आजकल बदल गई है , इस बहुरंगी समाज में खो गई है । किसको अपना माने और किसको नहीं , कौन है गलत और कौन है सही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 41 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read मेरा भारत चंदन समान मिट्टी है मेरे देश की, मन करता है बार-बार तिलक लगाऊँ इसकी। सोने की चिड़िया को लूटा गया कई बार, फिर भी शत्रुओ का विफल रहा हर प्रहार।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 35 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read तिनको से बना घर पेड़ों की टहनियों पर, है असंख्य पक्षियों का घर । तिनको को जोड़ जोड़ कर उन सब ने, रहने के लिए घर बनाए थे । लेकिन अकस्मात एक तूफान के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 45 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read एक चिड़िया हां! मैंने उस चिड़िया को देखा , कितना दर्द भरा था उसकी आंखों में l खाना तो था भरपेट खाने का , लेकिन वह देख रही उसे उपेक्षित निगाहों से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 73 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read आंसू क्या है आंसू ? पानी की धार , जो नैनों से टपकते रहते अपार । दुख कष्टों में जो निकलते हैं , जिसे देख अन्य व्यक्ति पिघलते हैं। क्या आंसू... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 66 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read पत्ते प्रथम में हल्का हरे रंग का लाल लाल , जैसे हरियाली में ढल गया हो गुलाल l अति लघु लिए हैं शिशु का रूप, निखरता है रंग जब इसमें पड़ती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 39 Share Uttirna Dhar 2 May 2024 · 1 min read पद्म जल में गुलाबी रंग के निखरते हैं , अपनी सौंदर्य को चारों दिशाओं में बिखरते हैं। लालिमा छा जाती है भोर के समय , वातावरण को करती है मधुमय। प्रतिबिंब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 60 Share Uttirna Dhar 1 May 2024 · 1 min read दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं , दुःख बांटू तो लोग हँसते हैं , सुख देखकर लोग जलते है। Quote Writer 1 109 Share