उमा झा Language: Hindi 156 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid उमा झा 17 Jun 2024 · 1 min read कब आओगी वर्षा रानी कब आओगी वर्षा रानी, लेकर घट में भर-भर पानी। सूखा अंबर, धरणी सूखी, सूखा है संसार, सूखे हैं सब बाग-बगीचे, करे सभी पुकार, जल्दी आ जा बन कर दानी, लेकर... Hindi · कविता 1 83 Share उमा झा 17 Jun 2024 · 1 min read ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन ग्रीष्म ऋतु के रुठे पवन, छोड़ रीति कर आलिंगन। था दिन वह जब, शरद पिता के कारण, तुझसे न ऑंख मिलाई, ओढ़ चादर नैना भी छुपाई, गए पिता, बीता वो... Hindi · कविता 1 135 Share उमा झा 30 May 2024 · 1 min read 30 वाॅ राज्य 30 वाॅ राज्य सब मोदी की ही करते जय जयकार, किन्तु मैं दूं धन्यवाद विपक्षी तुम्हार । तुम सब मिलकर ही कीचड़ बनाया, देश के सोए जनता को झकझोर जगाया... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 110 Share उमा झा 24 May 2024 · 1 min read मोदी सरकार चलो चलें मतदान करें सब, करके खूब विचार ही, चार जून को फिर से होगी, मोदी की सरकार ही। चिंता छोड़ सहयोग कर जनता, मोदी जी हैं एक कुशल अभियंता,... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 86 Share उमा झा 18 May 2024 · 1 min read उठो भवानी उठो भवानी शंखनाद कर, चंडमुंड फिर आया है। रणभूमि में असंख्य रक्तबीज ने, फिर जग में उपलाया है। तुझे है समझा अबला नारी, कोमल तन मन की एक बेचारी। शिशुपालन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 83 Share उमा झा 18 May 2024 · 1 min read मनुज न होता तो ऐसा होता मनुज न होता तो ऐसा होता, न उड़ान मेरे सपनों में होता, पर्वत- निर्झर- सागर- तरुवर, उड़ता- फिरता इधर- उधर फुर्र, प्रात कलरव की देता सौगात, ले मलय पर्वत से... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 108 Share उमा झा 5 May 2024 · 2 min read जाग जाग हे परशुराम जाग जाग हे परशुराम जाग जाग हे परशुराम, छोड़ो अब चिर ध्यान । हो रहा सनातन धर्म विध्वंस, गीदर की खाल में दिख रहा असंख्य कंश, मानव बन कर भी... Poetry Writing Challenge-3 1 109 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read मजदूर की करुणा हे ईश्वर तेरी माया के आगे, विवश पड़े मजदूर अभागे। थे रहते जब अपने गाँव, गुंडा गर्दी के मुख चढते दाँव। गाँव गाँव धनवानों की रहती गुंडा गर्दी, मरने वालों... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 1 92 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read खा ले तितली एक निवाला खा ले तितली एक निवाला खा ले तितली एक निवाला, आ जाएगा भालू काला- काला, चले रोप लें लम्बा पेड़, होगा उस पर टाॅफी- बिस्किट ढेर, होंगे इनके रेपर चमचम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 87 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read बोलो जय जय सिया राम नगर नगर में जाकर कह दो, ढोल नगाड़े बिगुल बजा दो, सब मिल सखियाँ मंगल गाओ, आऐंगे श्रीराम, बोलो राम राम, बोलो जय जय सिया राम। पावन धरणी निश्छल अंबर,... Poetry Writing Challenge-3 54 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read भारत भविष्य है जा कहाँ रहा ये भारत भविष्य, अध्ययन से ही विमुख हो रहे शिष्य। है न परिष्कृत जीवन की चिंता, है न किसी भांति लज्जा की चिंता। स्वच्छंद उदंडता की... Poetry Writing Challenge-3 63 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read तितली तुम भी आ जाओ तितली तुम भी आ जाओ तितली तुम भी आ जाओ, सुना मन सुना है उपवन, , खिला हृदय पर चिंता का गहरा, अमृत घोल से, चहक बोल बन, हर्षित पुष्प... Poetry Writing Challenge-3 57 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read नारी शक्ति का स्वयं करो सृजन नारी शक्ति का स्वयं करो श्रृजन, उठा तलवार, सुन हृदय की पुकार, भर नयनों में ज्वाला, हो सिंह सवार, दृढ करले तू आज मन नारी शक्ति का स्वयं करो श्रृजन... Poetry Writing Challenge-3 42 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read समय की महत्ता समय किसी की ऊपज नहीं है, समय किसी से विवश नहीं है, समय का जिसने त्याग किया, जीवन भर जग का दुत्कार सहा, मत सोचो समय हमारे हाथों की कठपुतली,... Poetry Writing Challenge-3 39 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read प्रकृति की गोद पूर्व काल से है उदघोषित, कभी न करना पर्यावरण प्रदूषित । वेद शास्त्र ऋचाएँ किया बखान, समझ वृक्ष पुत्र, हो कल्याण । हर एक वृक्ष है जीवन दाता, शदियों से... Poetry Writing Challenge-3 44 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read कौन है सबसे विशाल ? बारंबार मन में उठता एक सवाल, है कौन सबसे विशाल? पूछा हमने शैल शिखर से, क्या है तू सबसे विशाल? कहा पर्वत हाँ दिखता हूँ विशाल, है पर इसका किस्सा... Poetry Writing Challenge-3 64 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read वो है संस्कृति जिस बालिका को मेने जनम दिया, वह है संस्कृति वह है संस्कृति वो संस्कृति है, वो चंचल है मधु गुंजन वन की गुंजरी है, बाल सुलभ तितली कृति है, वह... Poetry Writing Challenge-3 37 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read आकांक्षा आकांक्षा सुन संस्कृति तुही है मेरी साक्षी, है तेरी माँ महत्वाकांक्षी । तु ही पूर्ण करेगी वह उद्देश्य, था जीवन का जो अवशेष । तुझे शिखर पर देखने की जिज्ञासा,... Poetry Writing Challenge-3 69 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read टिप्पणी टिप्पणी करना गए हम भूल , दिखा जब भावों का शूल । हमने तो परिहास किया, सम्मुख जन को व्यंग्य शब्द कुछ खास लगा । चले फिर शब्दों के सहस्र... Poetry Writing Challenge-3 73 Share उमा झा 5 May 2024 · 2 min read मेरी जातक कथा शिव की थी मैं अति प्यारी, नाम हमारा उमा कुमारी । सुनाऊँ मैं अपनी जातक कथा, मत कहना है मनगढा । धरती की एक तपस्विनी नारी, शिव से बेटी याचना... Poetry Writing Challenge-3 46 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read तू ज्वाला की तिल्ली हो तू ज्वाला की तिल्ली हो तू ज्वाला की तिल्ली हो, चाहो तो जीवन भस्म करो , या जन- जन में ज्योति का संचार करो, विपदा आए राह अगर, ग्रास करो... Poetry Writing Challenge-3 35 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read मेरी लेखनी कहती मुझसे मेरी लेखनी कहती है मुझसे, शब्द लिखो फिर सूझबूझ से , लिखे शब्द में होती इतनी क्रांति, छिन्न-भिन्न हो जाती दिशा भ्रांति , माना कि तु धनवान नहीं, है पद... Poetry Writing Challenge-3 1 45 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read जब लिखती हूँ मैं कविता जब लिखती हूँ मैं कविता, पग नूपुर नहीं, कंठहार नहीं गहनों से होती श्रृंगार नहीं, होती है शब्दों की रुनझुनता , जब लिखती हूँ मैं कविता । बसंत की स्नेहिक... Poetry Writing Challenge-3 1 38 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read मैं विपदा---- मैं विपदा की हूँ तरंग, जिस ओर चलूँ, जिस ओर मुरूँ, कायर की न भांति चलूँ, तनिक टूटते मेरे तन, कर देती मैं अंग भंग, राहों की हूँ पथिक मतंग,... Poetry Writing Challenge-3 1 30 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read वसुधैव कुटुम्बकम् करना है जो कर लो मानव, पर मत भूलो अपना उद्यम । इस जग के हैं बस हम पंछी, जाने कब किधर उड़ चलेंगे हम। क्यो सोच रहे हो यह... Poetry Writing Challenge-3 1 72 Share उमा झा 5 May 2024 · 1 min read काली रजनी आज खिला कितना सुन्दर चांद, छुप गया अंधेरा जा निज मांद। काली रजनी बनी मन मतवाली, पी कर मदिरा भर भर प्याली । है छिटपुट तारों का संगम, है चुरकुट... Poetry Writing Challenge-3 1 65 Share उमा झा 4 May 2024 · 1 min read पराधीन सत्य कहा है तुलसीदास, पराधीन होने से उत्तम है वनवास । अधीनस्थ रहने वाले ही होते दोषी, स्नेह, सहानुभूति कहाँ कहलाते परपोषी। होता सदा उनका जीवन धरती का भार, ढोता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 62 Share उमा झा 4 May 2024 · 1 min read दुविधा संघर्षपूर्ण है मेरा जीवन, विश्वनाथ नगर की गलियों मे, एक तरफ है माँ का आँचल, एक तरफ कर्तव्य खड़ा है, है दुविधा अब मेरी, किसको गले लगाऊँ, या किसका भेदन... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 68 Share उमा झा 3 May 2024 · 1 min read जागो जनता भारत भू में राष्ट्रधर्म का उत्सव है आया, जिसमें सम्पूर्ण राष्ट्र का हित है समाया। सब मिल अपना कर्तव्य निभाऐं, मतदान हेतु हर एक जनता जाऐं। सुविधा पाना हमारा है... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 63 Share उमा झा 1 May 2024 · 1 min read बधाई हो हमारे जैसे कवियों का होता जब उपहास, तू ही साहित्य पीडिया दिया स्नेहरस खास। घर वालों के लिए कविता बकवास ही रहते, पढना देखना तो दूर सुनने से भी डरते।... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 82 Share उमा झा 1 May 2024 · 3 min read वेदना किसी नगर में एक राजा था । उसका स्वभाव, कहा नहीं जा सकता है कि वह कैसा है? उसके राज्य में प्रजा का जीवन यापन हो रहा था पर---। एक... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 54 Share उमा झा 1 May 2024 · 1 min read करुणभाव एक शिकारी जंगल पहुँचा, करने को, शिकार। जोश भरी थी मन में ऐसी, धून था शीश सवार। जाल बिछाया, दाना डाला, छुप गया झाड़ी पार। तभी अचानक एक हिरणी का,... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 64 Share उमा झा 22 Apr 2024 · 11 min read विचित्र समय समय पर एक अफवाह उड़ाए जाते हैं और लोगों को मूर्ख बनाए जा रहे हैं ।कौन ऐसा रोग फिर आया है जो एक-दूसरे के सटने मात्र से हो जाता... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 2 51 Share उमा झा 21 Apr 2024 · 1 min read बाल श्रमिक फटे अधर, नयनाश्रु लिये कहा बालमन, सुन माँ धरणी, सुन पिता गगन । है क्या मेरा निर्छिन्न अपराध अपार, श्रमिक पांत खड़ा हूँ विवश लाचार। हुई ईश्वर की ऐश्वर्यशक्ति आज... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता 3 67 Share उमा झा 21 Apr 2024 · 1 min read शिशु – – – शिशु – – – हे जग के पालनहार जन्म देकर तू क्या किया, स्नेह सुधा गंग धार, बिन बताए मुझसे छीन लिया, मिलना था, माँ का आंचर नंगी धरती पर... "संवेदना" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 68 Share उमा झा 6 Apr 2024 · 1 min read तितली तुम भी आ जाओ तितली तुम भी आ जाओ, सुना मन सुना है उपवन, , खिला हृदय पर चिंता का गहरा, अमृत घोल से, चहक बोल बन, हर्षित पुष्प खिला जाओ, तितली तुम भी... Hindi 85 Share उमा झा 31 Mar 2024 · 1 min read है यह भी एक सत्य सत्य खोज का मिला संज्ञान, चंचल चित है विषय से अंजान। है जीवन में उलझे कई जाल, तिलक लगाऊं किसे बना भाल। है जिज्ञासा लिखूँ उत्कृष्ट कविता, विपक्ष ओर खडी़... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता 3 89 Share उमा झा 11 Mar 2024 · 1 min read भारत भविष्य है जा कहाँ रहा ये भारत भविष्य, अध्ययन से ही विमुख हो रहे शिष्य। है न परिष्कृत जीवन की चिंता, है न किसी भांति लज्जा की चिंता। स्वच्छंद उदंडता की... Hindi 84 Share उमा झा 22 Feb 2024 · 1 min read मेरी आकांक्षा सुन संस्कृति तुही है मेरी साक्षी, है तेरी माँ महत्वाकांक्षी । तु ही पूर्ण करेगी वह उद्देश्य, था जीवन का जो अवशेष । तुझे शिखर पर देखने की जिज्ञासा, करो... Poetry Writing Challenge-2 1 88 Share उमा झा 22 Feb 2024 · 1 min read होती जब वर्षा की कहर होती जब घमासान वर्षा की कहर दुबक दुबक कर बैठे सब अपने घर, होती जब घमासान वर्षा की कहर । समय समय पर बिजली कड़की, शांत चित वाली धरती भी... Poetry Writing Challenge-2 59 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read शराब की दुकान(व्यंग्यात्मक) शराब की दुकान (व्यंग्य व्यंजन ) सरकार से मिला एक फरमान, खुलेगी अब शराब की दुकान । नेता को आया सोते जागते सपना, शराब पीने वालों को न होते कोरोना... Poetry Writing Challenge-2 1 2 100 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 3 min read स्वर संधि की व्याख्या दो स्वर वर्णों की होती जब युगलबंदी, तब ही दिखती स्वर संधि । नवम, नागेन्द्र, बसुधैव, हिमालय, हैं कितने किसलय स्वर संधि के आलय । स्वर संधि के पांच भेद,... Poetry Writing Challenge-2 1 110 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read दूर करो माँ सघन अंधेरा दूर करो माँ सघन अंधेरा, जाने आया किस काल द्वार से, महाप्रलय, अट्टहास- अहंकार से, विध्वंस नृत्य किया घनघोर, क्रंदन, विलाप करता नित फेरा, दूर करो माँ सघन अंधेरा ।... Poetry Writing Challenge-2 86 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read आवाह्न स्व की!! आवाह्न स्व की! !!! हिन्दी दिवस का मचा है शोर, पढते- पढते हो गया संध्या से भोर, सच बता हे मनुज! क्या छलका नैना से नोर, क्या हुआ कभी, हृदय... Poetry Writing Challenge-2 121 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read बेगूसराय की हार-- बेगूसराय की हार हुई, या प्रकृति की अदृश्य मार पड़ी । कभी जल से भरा था यह क्षेत्र, आज बन गया क्षणिक इत्र, हम कैसे हैं स्वार्थी मित्र, मित्र हन्ता... Poetry Writing Challenge-2 76 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read है कौन सबसे विशाल बारंबार मन में उठता एक सवाल, है कौन सबसे विशाल? पूछा हमने शैल शिखर से, क्या है तू सबसे विशाल? कहा पर्वत हाँ दिखता हूँ विशाल, है पर इसका किस्सा... Poetry Writing Challenge-2 99 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति की गोद प्रकृति की गोद पूर्व काल से है उदघोषित, कभी न करना पर्यावरण प्रदूषित । वेद शास्त्र ऋचाएँ किया बखान, समझ वृक्ष पुत्र, हो कल्याण । हर एक वृक्ष है जीवन... Poetry Writing Challenge-2 56 Share उमा झा 21 Feb 2024 · 1 min read समय की महत्ता समय किसी की ऊपज नहीं है, समय किसी से विवश नहीं है, समय का जिसने त्याग किया, जीवन भर जग का दुत्कार सहा, मत सोचो समय हमारे हाथों की कठपुतली,... Poetry Writing Challenge-2 53 Share उमा झा 19 Feb 2024 · 1 min read कब आओगे मनहर बसंत दिशा दिशा में है कोहरे का पहरा, निशदिन रहता चौकसी गहरा धूप बिचारी दिखा न पाए मुखरा ,सुनने वाला कौन है दुखरा, है जब सूरज नजर बंद, हो कैसे शीतलहर... Poetry Writing Challenge-2 1 163 Share उमा झा 19 Feb 2024 · 1 min read खा ले तितली एक निवाला खा ले तितली एक निवाला, आ जाएगा भालू काला- काला, चले रोप लें लम्बा पेड़, होगा उस पर टाॅफी- बिस्किट ढेर, होंगे इनके रेपर चमचम वाला, खा ले तितली एक... Poetry Writing Challenge-2 1 137 Share Page 1 Next