Tariq Azeem Tanha Tag: ग़ज़ल/गीतिका 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Tariq Azeem Tanha 20 Jun 2024 · 1 min read मुहब्बत नहीं है आज शराफ़त से कह रहा हूँ शराफ़त नहीं है आज, पहली सी दो दिलों में मुहब्बत नहीं है आज। बाक़ी तो है दैर ओ हरम वही तो सज़दा है, मोमिन की... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 90 Share Tariq Azeem Tanha 6 May 2018 · 1 min read यादो के आईने यादो के आईने में तुझे सुबहो-शाम देखूँ, कहकर तेरे तस्सवुर पे मैं भी कलाम देखूँ। घर से निकलके रोज़ जाता हूँ मैं किधर, पीछा अपना करके वो मंज़िल-ओ-मकाम देखूँ। लबरेज़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 295 Share Tariq Azeem Tanha 28 Apr 2018 · 1 min read बादे-नौ-बहार चली बाद-ए-नौ-बहार चली आ गयी हैं अब होली, खिली हैं हर एक कली आ गयी हैं अब होली सभी लोग मस्त हैं, अब नाचते हैं गाते हैं तुम भी झूमो अपनी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 627 Share Tariq Azeem Tanha 20 Apr 2018 · 1 min read जाग करे क्यों। कोई मुझमे ऐसे जागा करे क्यों, आँखों में क़याम किया करे क्यों! कोई रात भर रहे इन आँखों में, पलकों पर मेरी जला करे क्यों! रास हर जख्म हर दर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 525 Share Tariq Azeem Tanha 19 Apr 2018 · 1 min read हयात से वफ़ात तक का सफ़र, और उसकी तल्खियां। सोज़िशे-दयार से निकल जाना चाहता हूँ, हयात से अदल में बदल जाना चाहता हूँ! तन्हाई ए उफ़ुक़ पे मिजगां को साथ लेके, मेहरो-माह के साथ चल जाना चाहता हूँ! आतिशे-ए-गुज़रगाह-ए-चमन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 500 Share Tariq Azeem Tanha 13 Apr 2018 · 1 min read अपने चेहरे पे। अपने चेहरे पे जुल्फों को पड़ा रहने दो, रौशनी गर्दिशों में और अँधेरा रहने दो! चाँद खुद भी शर्मायेगा देखकर तुमको, कम से कम आँखों को ही खुला रहने दो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 428 Share Tariq Azeem Tanha 3 Apr 2018 · 1 min read चाँद खूबसूरत रहेगा आखिर कैसे... देखो तो हम कहाँ से कहाँ पहुँच गए, खबर नही अपनी हम वहाँ पहुँच गए! जहाँ कहीं उसका पता मिला था हमे, अंजुमन से उठकर वहां वहां पहुच गए! ताबीर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share Tariq Azeem Tanha 3 Apr 2018 · 1 min read जो दुश्मन थी जो दुश्मन थी, मेरी जां, आज उनकी जां हो गयी, हाय! क्या सितम हैं के दुनिया भी हमनवां हो गयी! उसे फिर पड़े कहाँ चैन ढूंढे सेहरा में मजनू सा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 256 Share Tariq Azeem Tanha 1 Apr 2018 · 1 min read रहने दो। अपने चेहरे पे जुल्फों को पड़ा रहने दो, रौशनी गर्दिशों में और अँधेरा रहने दो! चाँद खुद भी शर्मायेगा देखकर तुमको, कम से कम आँखों को ही खुला रहने दो!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 421 Share